- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: जानिए, कंडोम में अलग-अलग रंगो का इस्तेमाल क्यों किया जाता हैं? जानिए, कंडोम में अलग-अलग रंगो का इस्तेमाल क्यों किया जाता हैं?

जानिए, कंडोम में अलग-अलग रंगो का इस्तेमाल क्यों किया जाता हैं?

दोस्तों क्या कभी आपने सोचा हैं कि कंडोम के विज्ञापनों में बैंगनी, पिंक, रेड और काले रंगो का इस्तेमाल क्यों किया जाता हैं खैर कोई बात नहीं आज हम आपको बताते हैं इसके पीछे एक मजेदार किस्सा हैं कि रंगो का प्रभाव हमारे स्वभाव, व्यवहार और हमारी राशियों पर पड़ता हैं वैसे ही रंगो का प्रभाव हमारे निजी रिश्तों पर भी पड़ता हैं।




ब्रिटिश रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी हैं इसमें कहा गया हैं कि रंगो से इंसान के निजी रिश्ते भी रोशन होते हैं एक सर्वे के अनुसार कपल के बेडरूम के लिए बैंगनी यानी पर्पल रंग जोरदार होता हैं यह रंग पति-पत्नी को एक दूसरे की तरफ आकर्षित करता हैं जिन कपल्स के बेडरूम की दीवारों पर बैंगनी रंग होता हैं वो कपल्स अपने निजी रिश्तों से काफी खुश और संतुष्ट होते हैं।


सर्वे में यह भी बताया गया कि यदि आपके बेडरूम में सूती चादरों के बजाय सिल्क की चादर हो तो आप अपनी निजी ज़िंदगी को और भी बेहतर बना सकते हैं आप भी अपने निजी संबंधों की पूर्ति के लिए पर्पल दीवारें, सिल्क की चादर और पर्पल रजाई बनवा लीजिए यह कॉम्बिनेशन भी अच्छा होगा और आपके रिश्ते भी खुशनुमा हो जायेंगे तो हुए ना रंगो से आपकी पर्सनल लाइफ मजेदार।


एक बार आप भी इन रंगो वाले कंडोम इस्तेमाल करके देखिए अगर संभव हो तो अपने बेडरूम में रंगबिरंगी लाइट भी लगा ले तो गज़ब का कलर उभरेगा और दिल बाग-बाग हो उठेगा।
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