- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: एचपीयू में शिक्षकों के पद भरने के लिए अभी करना होगा इंतजार एचपीयू में शिक्षकों के पद भरने के लिए अभी करना होगा इंतजार

एचपीयू में शिक्षकों के पद भरने के लिए अभी करना होगा इंतजार

विश्वविद्यालय में रिक्त चल रहे शिक्षकों के 181 पदों पर नई भर्ती के लिए अभी इंतजार करना होगा। सर्वोच्च न्यायालय में एससी/एसटी रोस्टर के चल रहे मामले के चलते फिलहाल यूजीसी ने विश्वविद्यालयों में नई शिक्षक भर्ती पर रोक लगा रखी है। सर्वोच्च न्यायालय का इस मामले पर फैसला आने के बाद ही एचपीयू में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ पाएगी।

हालांकि, विश्वविद्यालय ने शिक्षकों के इन 181 पदों को भरने के लिए प्रक्रिया पूरी कर रखी है। विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद और वित्त कमेटी से इन पदों को भरने को मंजूरी भी मिल चुकी है। अब इंतजार है तो, यूजीसी की रोक हटने का। जैसे ही इस पर फैसला होगा और रोक हटेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर देगा। सभी पदों को विज्ञापित कर आवेदन मांगे जाएंगे।

विश्वविद्यालय और इसके अपने शिक्षण संस्थानों में चल रही शिक्षकों की रिक्तियों के चलते पढ़ाई के साथ ही शोध गतिविधियां प्रभावित हो रही है। विकल्प के तौर पर विश्वविद्यालय ने गेस्ट फैकल्टी के रूप में सेवानिवृत्त शिक्षक और यूजीसी के तय मानकों को पूरा करने वाले शिक्षकों को कक्षाएं पढ़ाने में लगाया है। जब तक भर्ती नहीं होती, तब तक व्यवस्था ऐसे ही चलेगी। विवि को हालांकि उम्मीद है कि जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को यूजीसी से हरी झंडी मिल जाएगी।

रोक हटते ही शुरू होगी भर्ती: डॉ. रणवीर 
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. रणवीर वर्मा ने माना कि विवि में शिक्षकों के 181 पदों को भरने के लिए तैयारी पूरी की गई है। शिक्षक भर्ती के लिए एससी, एसटी रोस्टर से संबंधित मसला सर्वोच्च न्यायालय के पास विचाराधीन है, इस कारण यूजीसी ने फिलहाल नई भर्ती पर फैसला आने तक रोक लगा रखी है। जैसे ही रोक हटेगी, भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
Previous Post Next Post

Popular Posts

Weekly Updates

5/col-left/recent

Recent

► Govt Jobs updates

Recent Posts

4/footer/recent

Random Posts

4/footer/random

Current Affairs

15/col-right/random

$ok={Accept !} $days={7}

Our website uses cookies to improve your experience. Learn more

Ads Area

Advertisement