- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: HPU का इस बार भी घाटे का बजट होगा पारित! HPU का इस बार भी घाटे का बजट होगा पारित!

HPU का इस बार भी घाटे का बजट होगा पारित!

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एच.पी.यू.) में इस बार भी घाटे का बजट पारित होगा। विश्वविद्यालय की वर्तमान वित्तीय स्थिति को देखते हुए और हाल ही में हुई शिक्षकों व गैर-शिक्षक कर्मचारियों की नियुक्तियों के चलते विश्वविद्यालय पर आर्थिक भार पड़ा है।
ऐसे में अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन की नजरें एक बार फिर प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट पर टिक गई हैं। प्रदेश सरकार का बजट विधानसभा में आगामी 10 मार्च को पेश होगा और इस बजट के दौरान एक बार फिर विश्वविद्यालय को सालाना बजट में वृद्धि की आस है। विश्वविद्यालय ने प्रदेश सरकार से वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 110 करोड़ रुपए मांगें हैं। बताते हैं कि 10 मार्च को प्रदेश सरकार द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ई.सी.) में विश्वविद्यालय के आगामी वित्त वर्ष के बजट में मोहर लगेगी।

सभी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता
ई.सी. की बैठक 31 मार्च से पूर्व होगी, जिसमें विश्वविद्यालय का बजट पारित किया जाएगा। गौरतलब है कि बीते वर्ष 2016 में करीब 60 शिक्षकों के पदों को भरा गया जबकि 43 जूनियर ऑफिस असिस्टैंट आई.टी. के पदों को भरा गया था। योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने विजन 2020 के तहत कई योजनाएं प्रस्तावित की हैं। इन सभी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता है। साल दर साल वित्तीय घाटे के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इन योजनाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। विश्वविद्यालय का परिसर विस्तार प्रस्तावित है, जिसके लिए घणाहट्टी में भूमि चयनित की जा चुकी है। इसके अलावा नए कोर्स शुरू किए जाने प्रस्तावित हैं।


96 पदों को भरने के लिए पदों को किया विज्ञापित 
मांग के अनुरूप बढ़ा बजट तो भी रहेगी वित्तीय तंगी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने प्रदेश सरकार से वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 110 करोड़ रुपए मांगे हैं जोकि बीते वर्षों की मांग की तुलना में बेहद कम है। भले ही विश्वविद्यालय की मांग के अनुरूप बजट में वृद्धि होती है तो भी विश्वविद्यालय के समक्ष वित्तीय तंगी रहने की संभावना अधिक है क्योंकि शिक्षकों व गैर-शिक्षक कर्मचारियों की नई भर्तियां होने से विश्वविद्यालय पर आर्थिक भार पड़ेगा और आगामी दिनों में शिक्षकों व गैर-शिक्षक कर्मचारियों के और पद भरना प्रस्तावित हैं, जिन्हें विज्ञापित किया जा चुका है। इस वर्ष शिक्षकों के 96 पदों को भरने के लिए पदों को विज्ञापित कर दिया है और गैर-शिक्षक कर्मचारियों के भी करीब 54 पदों को भरने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू होने को है।
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