अनिमेष कौशल/अमर उजाला, शिमला हिमाचल शिक्षा विभाग के तहत साल 2000 में नियुक्त हुए 1600 विद्या उपासक पेंशन पाने के हकदार बन गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार की रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया है। राज्य सरकार को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के जून 2015 में दिए गए फैसले पर मोहर लगा दी है।
दो मार्च को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले से विद्या उपासक (अब जेबीटी) पेंशन के साथ-साथ सालाना वृद्धि और अन्य सेवा लाभ पाने के लिए भी पात्र हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार की रिव्यू पिटीशन को दायर करने में हुई देरी और मेरिट आधार पर खारिज किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जोगा सिंह और अन्य द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए हिमाचल हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर वाली खंडपीठ के फैसले को सही ठहराया है।
दो मार्च को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले से विद्या उपासक (अब जेबीटी) पेंशन के साथ-साथ सालाना वृद्धि और अन्य सेवा लाभ पाने के लिए भी पात्र हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार की रिव्यू पिटीशन को दायर करने में हुई देरी और मेरिट आधार पर खारिज किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जोगा सिंह और अन्य द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए हिमाचल हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर वाली खंडपीठ के फैसले को सही ठहराया है।