शिमला: स्कूलों में कंपनी के तहत सेवाएं दे रहे कम्प्यूटर शिक्षकों को अब सैलरी की दिक्कतें नहीं आएंगी। प्रदेश सरकार ने कम्प्यूटर शिक्षकों के लिए अलग से सैलरी अकाऊंट बनाया है। यह अकाऊंट शिक्षा निदेशक के नाम पर होगा। पी.टी.ए. शिक्षकों की तर्ज पर सरकार हर माह इसमें शिक्षकों के वेतन के लिए फंड डालेगी। इसके बाद कं पनी के जरिए इस फंड से शिक्षकों को सैलरी दी जाएगी।
इस अकाऊंट के बनने से इस प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।शिक्षकों का आरोप था कि कंपनी उनका शोषण करती है। उन्हें कम सैलरी दी जाती है। अब इस हैड के बनने से इस पर पूरी स्थिति स्पष्ट होगी। इससे प्रदेश के कम्प्यूटर शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। प्रदेश सरकार ने राज्य में आऊटसोर्स कर्मियों के वेतन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश वित्त विभाग को दिए हैं। इस व्यवस्था के अनुसार विभाग अलग से कोष का प्रबंध करने का विकल्प भी तलाशेगा तथा फंड सृजित करेगा ताकि प्रदेश के उक्त कर्मचारियों को पहली तारीख को वेतन मिल सके।
राज्य में इस समय जो कर्मचारी आऊटसोर्सिंग पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। उनको वेतन के लिए 15 से 20 दिन और कई बार महीने तक का इंतजार करना पड़ता है। प्रदेश में इस समय शिक्षा, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य व वन विभाग के अलावा कई निगम व बोर्ड में कर्मचारी आऊटसोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। इस तरह से कर्मचारियों की भर्ती अस्थायी तौर पर की जा रही है।
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