जोगिंद्रनगर: हिमाचल प्रदेश के राजकीय उच्च पाठशाला
खडि़हार व त्रैम्बली में अध्यापकों के खाली चल रहे पदों के चलते स्कूल में
तालाबंदी की नौबत आ गई है। खडि़हार स्कूल में केवल 23 व त्रैम्बली में 49
छात्र ही रह गए हैं।
स्कूलों में अरसे से चल रहे मुख्य विषयों के अध्यापकों की कमी के कारण अभिभावक अपने बच्चों को इन स्कूलों से निकाल कर निजी स्कूलों में डाल रहे हैं। त्रैम्बली स्कूल में तो टी.जी.टी. (नॉन मैडीकल) व टी.जी.टी (मैडीकल) जैसे मुख्य विषयों के अध्यापक ही नहीं हैं जबकि टी.जी.टी. (कला), भाषा अध्यापक व कला अध्यापक के पद भी खाली चल रहे हैं तथा खडि़हार स्कूल में भी उक्त दोनों विषयों के पदों सहित शास्त्री व कला अध्यापक के पद अरसे से खाली चल रहे हैं।
तुलाह, खडि़हार व त्रैम्बली पंचायत से बी.डी.सी. रजनी ठाकुर ने भी शिक्षा विभाग के मुख्य संसदीय सचिव, सचिव व निदेशक को कई बार पत्र लिख कर उक्त स्कूलों में शिक्षकों के पदों को भरने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक नई भर्तियां नहीं होतीं तब तक विभाग को कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर छात्रों के भविष्य का ध्यान रखना चाहिए।
विधानसभा में उठाया मामला
विधायक गुलाब सिंह ठाकुर ने इसी सत्र के दौरान नियम 324 के तहत उक्त स्कूलों में खाली चल रहे अध्यापकों के पदों का मामला विधानसभा में उठाया है। विधायक ने सरकार से मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्रों के इन स्कूलों में खाली पदों के कारण विशेष कर लड़कियों की शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, ऐसे में खाली पदों को सरकार जनहित में शीघ्र भरे।
सदन में सरकार ने खाली पदों के पीछे सेवानिवृत्ति, पदोन्नति व स्थानांतरण जैसे कारण बताते हुए टी.जी.टी. कला, मैडीकल व नॉन मैडीकल के 1643 पदों को कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से भरने की प्रक्रिया को शुरू करना बताया है तथा सी.एंड वी. वर्ग के 1500 पदों को भी सीधी भर्ती के द्वारा भरा जा रहा है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
स्कूलों में अरसे से चल रहे मुख्य विषयों के अध्यापकों की कमी के कारण अभिभावक अपने बच्चों को इन स्कूलों से निकाल कर निजी स्कूलों में डाल रहे हैं। त्रैम्बली स्कूल में तो टी.जी.टी. (नॉन मैडीकल) व टी.जी.टी (मैडीकल) जैसे मुख्य विषयों के अध्यापक ही नहीं हैं जबकि टी.जी.टी. (कला), भाषा अध्यापक व कला अध्यापक के पद भी खाली चल रहे हैं तथा खडि़हार स्कूल में भी उक्त दोनों विषयों के पदों सहित शास्त्री व कला अध्यापक के पद अरसे से खाली चल रहे हैं।
तुलाह, खडि़हार व त्रैम्बली पंचायत से बी.डी.सी. रजनी ठाकुर ने भी शिक्षा विभाग के मुख्य संसदीय सचिव, सचिव व निदेशक को कई बार पत्र लिख कर उक्त स्कूलों में शिक्षकों के पदों को भरने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक नई भर्तियां नहीं होतीं तब तक विभाग को कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर छात्रों के भविष्य का ध्यान रखना चाहिए।
विधानसभा में उठाया मामला
विधायक गुलाब सिंह ठाकुर ने इसी सत्र के दौरान नियम 324 के तहत उक्त स्कूलों में खाली चल रहे अध्यापकों के पदों का मामला विधानसभा में उठाया है। विधायक ने सरकार से मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्रों के इन स्कूलों में खाली पदों के कारण विशेष कर लड़कियों की शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, ऐसे में खाली पदों को सरकार जनहित में शीघ्र भरे।
सदन में सरकार ने खाली पदों के पीछे सेवानिवृत्ति, पदोन्नति व स्थानांतरण जैसे कारण बताते हुए टी.जी.टी. कला, मैडीकल व नॉन मैडीकल के 1643 पदों को कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से भरने की प्रक्रिया को शुरू करना बताया है तथा सी.एंड वी. वर्ग के 1500 पदों को भी सीधी भर्ती के द्वारा भरा जा रहा है।
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