मणिकुमार सरोआ, ऊना सरकारी स्कूलों के परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगने से पांच
साल में शत-प्रतिशत परिणाम देने वाले शिक्षक सकते में आ गए हैं क्योंकि इन
परीक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगने से शत-प्रतिशत परिणाम देने वाले
शिक्षकों का परिणाम निराशाजनक आता है
तो उन्हें शिक्षा बोर्ड व विभाग को निराशाजनक परिणाम रहने का जवाब देना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि शिक्षा बोर्ड, शिक्षा विभाग व प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षकों से इस वर्ष खराब परिणाम देने के कारणों के साथ पांच साल में शत-प्रतिशत परिणाम रहने की वजह भी पूछी जाएगी।
इसका शिक्षकों को न चाहते हुए भी प्रश्न का जवाब देना होगा। इसके साथ प्रदेश सरकार की ओर से पांच साल में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों को इस वर्ष एक वर्ष का सेवाविस्तार व 11 हजार रुपये की राशि से शिमला में एक विशेष समारोह आयोजित कर उन्हें सम्मानित किया जाना था, लेकिन परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगने से कई अध्यापकों का सपना चूर-चूर हो जाएगा। इसके अलावा खराब प्रदर्शन करने वाले अच्छे शिक्षक विभागीय कार्रवाई की चपेट में भी आ सकते हैं। इसके साथ स्कूल मुखिया भी इस कार्रवाई की चपेट में आएंगे। क्योंकि शिक्षा विभाग की ओर से पांच साल में शत-प्रतिशत परिणाम देने वाले स्कूल मुखियों को सम्मानित करने व नकल पुरस्कार राशि भेंट करने के लिए योजना बनाई गई थी, लेकिन अगर इस वर्ष पिछले पांच साल में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले स्कूलों को परिणाम खराब रहता है तो स्कूल मुखिया भी विभागीय कार्रवाई की चपेट में आ सकते हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से प्रतिवर्ष सभी सरकारी शिक्षक व स्कूलों की ओर से खराब परीक्षा परिणाम देने की रिपोर्ट निदेशालय व सरकार को दी जाती है। इसके बाद पिछले वर्षों के मुकाबले खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों व शिक्षकों को निदेशालय को जवाब देना होता है कि खराब परीक्षा परिणाम रहने के क्या कारण रहे। इस वर्ष पांच साल में शत-प्रतिशत परिणाम देने वाले शिक्षकों व स्कूलों को पुरस्कार से सम्मानित करने की योजना बनाई गई है।
-भूप ¨सह, उच्चतर उपनिदेशक शिक्षा विभाग ऊना।
तो उन्हें शिक्षा बोर्ड व विभाग को निराशाजनक परिणाम रहने का जवाब देना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि शिक्षा बोर्ड, शिक्षा विभाग व प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षकों से इस वर्ष खराब परिणाम देने के कारणों के साथ पांच साल में शत-प्रतिशत परिणाम रहने की वजह भी पूछी जाएगी।
इसका शिक्षकों को न चाहते हुए भी प्रश्न का जवाब देना होगा। इसके साथ प्रदेश सरकार की ओर से पांच साल में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों को इस वर्ष एक वर्ष का सेवाविस्तार व 11 हजार रुपये की राशि से शिमला में एक विशेष समारोह आयोजित कर उन्हें सम्मानित किया जाना था, लेकिन परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगने से कई अध्यापकों का सपना चूर-चूर हो जाएगा। इसके अलावा खराब प्रदर्शन करने वाले अच्छे शिक्षक विभागीय कार्रवाई की चपेट में भी आ सकते हैं। इसके साथ स्कूल मुखिया भी इस कार्रवाई की चपेट में आएंगे। क्योंकि शिक्षा विभाग की ओर से पांच साल में शत-प्रतिशत परिणाम देने वाले स्कूल मुखियों को सम्मानित करने व नकल पुरस्कार राशि भेंट करने के लिए योजना बनाई गई थी, लेकिन अगर इस वर्ष पिछले पांच साल में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले स्कूलों को परिणाम खराब रहता है तो स्कूल मुखिया भी विभागीय कार्रवाई की चपेट में आ सकते हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से प्रतिवर्ष सभी सरकारी शिक्षक व स्कूलों की ओर से खराब परीक्षा परिणाम देने की रिपोर्ट निदेशालय व सरकार को दी जाती है। इसके बाद पिछले वर्षों के मुकाबले खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों व शिक्षकों को निदेशालय को जवाब देना होता है कि खराब परीक्षा परिणाम रहने के क्या कारण रहे। इस वर्ष पांच साल में शत-प्रतिशत परिणाम देने वाले शिक्षकों व स्कूलों को पुरस्कार से सम्मानित करने की योजना बनाई गई है।
-भूप ¨सह, उच्चतर उपनिदेशक शिक्षा विभाग ऊना।