विधि संवाददाता, शिमला : प्रदेश उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश
विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला में शिक्षकों के पदों को भर्ती एवं पदोन्नति
नियमों के तहत भरने के आग्रह को लेकर दायर याचिका में रजिस्ट्रार को तलब
किया है। विवि के रजिस्ट्रार को रिकॉर्ड सहित 20 अगस्त को हाईकोर्ट के
समक्ष पेश होना पड़ेगा।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने रजिस्ट्रार को आदेश दिए हैं कि वह टेबुलेटेड फॉर्म में न्यायालय को जानकारी दें कि उन्होंने विभागों में इन पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाए हैं। यदि कदम उठाए हैं तो कब तक चयन प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। न्यायालय ने हालाकि विद्यार्थियों की पढ़ाई पर विपरीत असर न पड़े, इस कारण पहले गेस्ट फेकल्टी में सेवाएं देने वाले शिक्षकों को नियमित तौर पर सेवाएं देने के आदेश जारी किए हैं। मामले पर सुनवाई 20 अगस्त को होगी। धर्मपाल द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि अगस्त 2017 में 10 गेस्ट टीचर को कंप्यूटर साइंस विभाग में नियुक्ति दी गई थी। यह नियुक्ति उन्हें यूजीसी द्वारा जारी दिशानिर्देशों के खिलाफ दी गई है। इन पदों को यूजीसी द्वारा जारी किए गए मापदंडों व प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा इन पदों को भरने के लिए बनाए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत भरा जाना था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने रजिस्ट्रार को आदेश दिए हैं कि वह टेबुलेटेड फॉर्म में न्यायालय को जानकारी दें कि उन्होंने विभागों में इन पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाए हैं। यदि कदम उठाए हैं तो कब तक चयन प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। न्यायालय ने हालाकि विद्यार्थियों की पढ़ाई पर विपरीत असर न पड़े, इस कारण पहले गेस्ट फेकल्टी में सेवाएं देने वाले शिक्षकों को नियमित तौर पर सेवाएं देने के आदेश जारी किए हैं। मामले पर सुनवाई 20 अगस्त को होगी। धर्मपाल द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि अगस्त 2017 में 10 गेस्ट टीचर को कंप्यूटर साइंस विभाग में नियुक्ति दी गई थी। यह नियुक्ति उन्हें यूजीसी द्वारा जारी दिशानिर्देशों के खिलाफ दी गई है। इन पदों को यूजीसी द्वारा जारी किए गए मापदंडों व प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा इन पदों को भरने के लिए बनाए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत भरा जाना था।