संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : प्रदेश अनुबंध शिक्षक संघ के आह्वान पर 15
जनवरी को शिमला में होने वाली मांग रैली में रामपुर से 200 पीटीए शिक्षक
प्रदेश सरकार के खिलाफ किए जाने वाले प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।
प्रदेश इकाई अध्यक्ष बोविल ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में एक ही अनुबंध नीति होने के बावजूद प्रदेश सरकार पीटीए शिक्षकों को नियमित न करके उनके साथ अन्याय कर रही है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के नाम पर शिक्षा विभाग सरकार को गुमराह कर रहा है जबकि ट्रिब्यूनल का साफ आदेश है कि अनुबंध पीटीए शिक्षकों को निर्धारित तीन वर्ष की अनुबंध अवधि पूर्ण होने के बाद उक्त तिथि से सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश आने तक सशर्त नियमित किया जाए। आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी सरकार के समक्ष इस आदेश को जानबूझ कर उल्टी तरह से पेश कर रहे हैं और स्टेट्स का हवाला दे रहे हैं जबकि ये तो 13 फरवरी, 2017 को समाप्त हो चुका है। विभाग का स्टेटस का हवाला देना हास्यापद ही नहीं बल्कि ¨चताजनक है। हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा एसएमसी शिक्षक भर्ती को हरी झंडी देना स्टेट्स के समाप्त होने का सबसे बड़ा उदाहरण है। पूर्व सरकारों ने भी पीटीए शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार ही किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कहा था कि हमारी सरकार पूर्व सरकारों से हटकर कार्य करेगी लेकिन एक वर्ष बीत जाने और अनुबंध अवधि पूर्ण करने के बाद भी पीटीए शिक्षकों की मांग को पूरा नहीं किया गया है। शिक्षक संघ रामपुर इकाई अध्यक्ष कुशाल सुनेल, प्रभारी विजय कड्डा, शेफाली, विनेाद मेहता, सुरेश दत्त, चेतन शमर, उदय रिबल्टा, घन श्याम गौतम, अनुराधा शर्मा, सुनंदा सूद, देवेंद्र हस्टा, दुगर प्रसाद, अजय बिष्ट, प्रतिभा मेहता, कंचन, सरिता, सीमा, मंजू, लीला, तारा, नीरू, गुलशन और संदीप सहित कई अन्य शिक्षकों ने कहा कि प्रदेश इकाई अध्यक्ष बोविल ठाकुर के आह्वान पर 15 जनवरी को शिमला में आयोजित मांग रैली में रामपुर क्षेत्र से करीब 200 शिक्षक जाएंगे।
प्रदेश इकाई अध्यक्ष बोविल ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में एक ही अनुबंध नीति होने के बावजूद प्रदेश सरकार पीटीए शिक्षकों को नियमित न करके उनके साथ अन्याय कर रही है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के नाम पर शिक्षा विभाग सरकार को गुमराह कर रहा है जबकि ट्रिब्यूनल का साफ आदेश है कि अनुबंध पीटीए शिक्षकों को निर्धारित तीन वर्ष की अनुबंध अवधि पूर्ण होने के बाद उक्त तिथि से सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश आने तक सशर्त नियमित किया जाए। आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी सरकार के समक्ष इस आदेश को जानबूझ कर उल्टी तरह से पेश कर रहे हैं और स्टेट्स का हवाला दे रहे हैं जबकि ये तो 13 फरवरी, 2017 को समाप्त हो चुका है। विभाग का स्टेटस का हवाला देना हास्यापद ही नहीं बल्कि ¨चताजनक है। हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा एसएमसी शिक्षक भर्ती को हरी झंडी देना स्टेट्स के समाप्त होने का सबसे बड़ा उदाहरण है। पूर्व सरकारों ने भी पीटीए शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार ही किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कहा था कि हमारी सरकार पूर्व सरकारों से हटकर कार्य करेगी लेकिन एक वर्ष बीत जाने और अनुबंध अवधि पूर्ण करने के बाद भी पीटीए शिक्षकों की मांग को पूरा नहीं किया गया है। शिक्षक संघ रामपुर इकाई अध्यक्ष कुशाल सुनेल, प्रभारी विजय कड्डा, शेफाली, विनेाद मेहता, सुरेश दत्त, चेतन शमर, उदय रिबल्टा, घन श्याम गौतम, अनुराधा शर्मा, सुनंदा सूद, देवेंद्र हस्टा, दुगर प्रसाद, अजय बिष्ट, प्रतिभा मेहता, कंचन, सरिता, सीमा, मंजू, लीला, तारा, नीरू, गुलशन और संदीप सहित कई अन्य शिक्षकों ने कहा कि प्रदेश इकाई अध्यक्ष बोविल ठाकुर के आह्वान पर 15 जनवरी को शिमला में आयोजित मांग रैली में रामपुर क्षेत्र से करीब 200 शिक्षक जाएंगे।