- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: 12 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों के भविष्य पर लटकी तलवार, पात्रता करने के बाद भी खतरे में नौकरी 12 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों के भविष्य पर लटकी तलवार, पात्रता करने के बाद भी खतरे में नौकरी

12 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों के भविष्य पर लटकी तलवार, पात्रता करने के बाद भी खतरे में नौकरी

नई दिल्ली। भारत के करीब 12 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों की परेशानी अभी खत्म नहीं हुई है। तय समय से पहले ही अपना नया प्रशिक्षण पूरा करने के बाद भी इन शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटकी हुई है। इसका मुख्य कारण है कि किसी भी स्कूल में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन में दो वर्षों का कोर्स करना पड़ता है, यह हर शिक्षक के लिए अनिवार्य है।

12 lakh untrained teacher jobs in danger first case reported in bihar

18 महीने के इस कोर्स को करने के बाद अब लाखों शिक्षकों के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है। दरअसल, नियमों के अनुसार इस डिप्लोमा को करने के बाद शिक्षक कहीं दूसरी जहग नौकरी नहीं कर सकते हैं। इस वजब से शिक्षकों को मजबूरन एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) की स्कूलों में ही पढ़ाना होगा।

शिक्षकों के समर्थन में आया मानव संसाधन विकास मंत्रालय

12 लाख निराश शिक्षकों को लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय एक राहत की उम्मीद बना हुआ है। यह विशेष कोर्स कराने वाली संस्था राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) इन शिक्षकों के साथ मजबूती से खड़ा है, संस्था का कहना है कि उनके कोर्स में किसी भी प्रकार की कमी नहीं है वह भी डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन के कोर्सों के समान ही है।

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बिहार में शिक्षकों की भर्ती के बाद शुरू हुआ विवाद

गौरतलब है कि सरकार ने पहले शिक्षकों के अनुभव को देखते हुए कोर्स 18 महीने में ही कराया था जिसे NCTE ने मंजूरी भी दी थी, ऐसे में यह शिक्षक कहीं भी नौकरी के लिए सक्षम हैं। सरकार के इसी कदम के बाद बिहार के निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों ने भी नौकरी के लिए आवेदन दिया जिन्होंने यह 18 महीने वाला कोर्स किया था। जब बिहार सरकार ने NCTE से इस मामले में सलाह मांगी तो वह जवाब देने के स्थान पर सभी शिक्षकों को पूरानी गाइ़ड लाइन भेज दी जिसमें कहीं 18 महीने का डिप्लोमा करने वालों का जिक्र नहीं था।

बिहार के बाद यही मामला कुछ और राज्यों में भी सामने आया जो सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मामला तूल पकड़ता देख NCTE तो जल्द इसमें हस्तक्षेप करने का आदेश दिया है साथ ही नियमों में बदलाव की बात भी कही गई है।
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