जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी ने विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती को लेकर राज्यपाल के समक्ष रिपोर्ट रखी है। वैसे कुलपति इसे शिष्टाचार भेंट बता रहे है लेकिन सूत्रों का कहना है कि एक फाइल भी राज्यपाल को सौंपी गई है। इसी फाइल में भर्ती से संबंधित जानकारी दी गई है। इसे राज्यपाल ने गत सप्ताह मांगा था। विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय ने फाइल में तर्क दिया है कि ईसी के फैसले के मुताबिक वर्ष 2009 से पहले पीएचडी कर चुके उम्मीदवार भर्ती के लिए पात्र हैं। इसके साथ ही नेट, सेट की अनिवार्यता संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के मामले में तर्क दिया गया है
कि इस फैसले को पड़ोसी राज्यों में अभी तक लागू ही नहीं किया गया है। पूर्व भाजपा सरकार के शासन में वर्ष 2012 में 37 पदों को लेकर तर्क दिया गया है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसके साथ ही लिफाफे खोलने पर रोक लगा दी गई है। जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता है, लिफाफे नहीं खोले जा सकते हैं।
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान विश्वविद्यालय की भर्तियों में अनियमितता की शिकायत भाजपा ने की थी। इसके दो दिन बाद ही राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अहम फैसला लेते हुए विश्वविद्यालय में वर्ष 2015 में हुई 11 शिक्षकों की भर्ती के परिणाम पर रोक लगा दी है। भर्ती प्रक्रिया की पात्रता पर सवाल उठने के बाद लिए गए इस फैसले से विश्वविद्यालय की ओर से विज्ञापित कुल 200 पदों की भर्ती प्रक्रिया पर भी ब्रेक लग गई है।
राजभवन से कुलपति को पत्र जारी हुआ व राज्यपाल ने शिक्षक भर्ती से संबंधित पूरा ब्योरा तलब किया है, जिसे जल्द पेश किया जाएगा। उनके आदेशों पर ही भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इसमें रिकार्ड मांगा गया। इसके बाद कुलपति ने तुरंत फाइल तैयार कर राज्यपाल को सौंप दी। गत सप्ताह शुक्रवार को ईसी की बैठक शुरू होने से पहले राजभवन ने विवि प्रबंधन को आदेश दिए कि शिक्षक भर्ती का परिणाम घोषित न किया जाए। ऐसे लिफाफे अभी बंद पड़े हैं।
....................
यह शिष्टाचार भेंट थी। इसके अलावा किसी भी मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।
प्रो. एडीएन वाजपेयी, कुलपति
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening