राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में पदोन्नति से प्रधानाचार्य की कुर्सी
पर तो शिक्षक बैठ रहे हैं, लेकिन वित्तीय लाभ कोई नहीं। प्रवक्ताओं की
प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्ति नियमित होने की बजाय प्लेसमेंट के आधार पर
हो रही है। 2013 से अब तक प्रधानाचार्य की नियुक्ति प्लेसमेंट के आधार पर
की जा रही है जो प्रवक्ताओं से सरासर अन्याय है।
प्लेसमेंट के आधार पर की गई पदोन्नति में काम प्राधानचार्य का करना पड़ता है, मगर वित्तीय लाभ लेक्चरर का ही दिया जाता है जिससे प्रधानाचायरें को वित्तीय नुकसान झेलना पड़ रहा है।
सोमवार को प्रवक्ताओं ने बैठक में सरकार की इस नीति का विरोध जताया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ की शिमला जिला की बैठक सोमवार को अध्यक्ष काना सिंह राकी की अध्यक्षता में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल संजौली में हुई। इसमें जिले के 120 प्रवक्ताओं ने भाग लिया। बैठक में शिक्षक ों की मागों पर चर्चा की गई और सर्वसम्मति से प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजने के लिए सहमति बनी है।
इस दौरान बैठक में न्यूमैरिकल संख्या के आधार पर प्रमोशन में क ोटा दिए जाने की माग की है। शिक्षकों का क हना है कि मौजूदा समय में प्रवक्ताओं की संख्या लगभग 18 हजार है जबकि मुख्य अध्यापकों की संख्या 850 है। इसके अलावा संघ ने वर्ष 2003 से पहले अनुबंध आधार पर लगे सभी शिक्षक जो 2005 में नियमित हुए है, उन्हे 2003 से पहले की भाति शिक्षकों को पेंशन और जीपीएफ के लाभ दिए जाएं। प्लेसमेंट के आधार प्रमोशन पर भी शिक्षकों को सभी लाभ दिए जाएं। इसके साथ जो भी प्रवक्ता एमफिल तथा पीएचडी की योग्यता रखता है, उन्हे कालेजों की भाति स्पेशल इक्रीमेंट देने की माग शिक्षकों ने की है। इसके अलावा संघ ने पीजीटी पदनाम को बदलकर प्रवक्ता करने की माग भी सरकार से उठाई है। संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक इस माग को पूरा करने के लिए सरकार पर कोई भी आíथक बोझ नही पडे़गा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
प्लेसमेंट के आधार पर की गई पदोन्नति में काम प्राधानचार्य का करना पड़ता है, मगर वित्तीय लाभ लेक्चरर का ही दिया जाता है जिससे प्रधानाचायरें को वित्तीय नुकसान झेलना पड़ रहा है।
सोमवार को प्रवक्ताओं ने बैठक में सरकार की इस नीति का विरोध जताया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ की शिमला जिला की बैठक सोमवार को अध्यक्ष काना सिंह राकी की अध्यक्षता में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल संजौली में हुई। इसमें जिले के 120 प्रवक्ताओं ने भाग लिया। बैठक में शिक्षक ों की मागों पर चर्चा की गई और सर्वसम्मति से प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजने के लिए सहमति बनी है।
इस दौरान बैठक में न्यूमैरिकल संख्या के आधार पर प्रमोशन में क ोटा दिए जाने की माग की है। शिक्षकों का क हना है कि मौजूदा समय में प्रवक्ताओं की संख्या लगभग 18 हजार है जबकि मुख्य अध्यापकों की संख्या 850 है। इसके अलावा संघ ने वर्ष 2003 से पहले अनुबंध आधार पर लगे सभी शिक्षक जो 2005 में नियमित हुए है, उन्हे 2003 से पहले की भाति शिक्षकों को पेंशन और जीपीएफ के लाभ दिए जाएं। प्लेसमेंट के आधार प्रमोशन पर भी शिक्षकों को सभी लाभ दिए जाएं। इसके साथ जो भी प्रवक्ता एमफिल तथा पीएचडी की योग्यता रखता है, उन्हे कालेजों की भाति स्पेशल इक्रीमेंट देने की माग शिक्षकों ने की है। इसके अलावा संघ ने पीजीटी पदनाम को बदलकर प्रवक्ता करने की माग भी सरकार से उठाई है। संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक इस माग को पूरा करने के लिए सरकार पर कोई भी आíथक बोझ नही पडे़गा।
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