ब्यूरो/अमर उजाला, शिमला : प्रदेश के शिक्षकों
और गैर शिक्षकों की लड़ाई मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंच गई है। प्रदेश
राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल
ने उच्च शिक्षा निदेशालय के ट्रांसफर सेल की शिकायत मुख्यमंत्री से की।
वीरेंद्र चौहान ने आरोप लगाया कि ट्रांसफर सैल में अफसर मुख्यमंत्री के डीओ
नोट दबा रहे हैं। पैसे लेकर वहां काम हो रहा है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशालय के कई कर्मचारी
उनके साथ हैं। जल्द ही वह सारे सुबूत मुख्यमंत्री के समक्ष पेश करेंगे।
मुख्यमंत्री ने शिक्षक संघ के सारे आरोप सुनने के बाद निदेशक उच्च शिक्षा
दिनकर बुराथोकी को सचिवालय तलब कर मामले की पूरी जानकारी ली। उधर, बुधवार
सुबह से शाम चार बजे तक खूब गहमागहमी रही।
शिक्षक संघ की गैर शिक्षक संघ के साथ उच्च शिक्षा निदेशालय में तीन दौर की बैठक हुई, लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकला। निदेशक उच्च शिक्षा से भी दोनों संघ के प्रतिनिधिमंडल मिले। निदेशक ने आपसी बातचीत से मामला सुलझाने को कहा, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
लिखित में माफी मांगने और लिखित में शिकायत वापस लेने को लेकर बात फंसी रही। उधर, उच्च शिक्षा निदेशक दिनकर बुराथोकी ने बताया कि अतिरिक्त निदेशक प्रशासन को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है।
शिक्षक संघ की गैर शिक्षक संघ के साथ उच्च शिक्षा निदेशालय में तीन दौर की बैठक हुई, लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकला। निदेशक उच्च शिक्षा से भी दोनों संघ के प्रतिनिधिमंडल मिले। निदेशक ने आपसी बातचीत से मामला सुलझाने को कहा, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
लिखित में माफी मांगने और लिखित में शिकायत वापस लेने को लेकर बात फंसी रही। उधर, उच्च शिक्षा निदेशक दिनकर बुराथोकी ने बताया कि अतिरिक्त निदेशक प्रशासन को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है।