राज्य ब्यूरो, शिमला : दसवीं और जमा दो कक्षा में 25 फीसद से कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षक ों पर कार्रवाई के संबंध में बरती जा रही सुस्ती पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने कड़ा संज्ञान लिया है। शनिवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट तलब करते हुए आठ जून तक संबंधित स्कूलों के प्रिंसिपल और शिक्षकों से स्पष्टीकरण लेने के लिए निर्देश जारी किए हैं।
इससे पहले शनिवार तक स्पष्टीकरण की मियाद पूरी हो रही थी और अफसरशाही मामले पर लीपापोती करने पर उतारू रही है। इसी मामले को शनिवार को दैनिक जागरण ने खराब परिणाम देने वाले शिक्षको पर 'क्या समझौते की तड़के से गलेगी दाल' शीर्षक से मामला उजागर किया था। इसमें तथ्यों के साथ कहा था कि जांच पर कागजों का पेट भरने की तैयारी हो रही हैं और कार्रवाई के आदेश धोखा हैं। इस पर सीएम दरबार ने भवें तरेरते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा पीसी धीमान को तलब किया और आठ जून तक फील्ड में सच को सामने लाने के बाबत रिपोर्ट मांगी है।
शुक्रवार को जो सूची विभागीय वेबसाइट पर दसवीं और जमा दो कक्षाओं के खराब परिणाम वाले स्कूलों की विश्लेषण कर शिक्षा विभाग ने डाली, उसमें शिक्षकों के नाम नदारद रहे हैं। सरकार ने दो जून को वेब पर दिए ऐसे आदेश में कहा है कि चार जून को संयुक्त सचिव शिक्षा विभाग के कार्यालय को रिपोर्ट मिलनी चाहिए। मोबाइल फोन या वीडियो कांफ्रेंसिंग से काम निपटाने के अधिकारियों के निर्देश थे।
खराब नतीजे देने वाले शिक्षकों से कमेंट्स उप निदेशक लेंगे। पहले चार जून को सरकार को रिपोर्ट जमा करवानी थी, मगर यह तिथि आठ जून तक बढ़ा दी है। सरकार की ओर से इस संबंध में स्पष्ट आदेश मिले हैं कि सुस्ती बरतने वाले शिक्षकों को बख्शा न जाए।
आरआर पटियाल, संयुक्त सचिव शिक्षा विभाग।
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