राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में खराब परीक्षा
परिणाम देने वाले शिक्षक निलंबित हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार वार्षिक
परीक्षाओं में तीन साल तक शून्य नतीजा देने वाले शिक्षक निलंबित कर दिए
जाएंगे। यह भी चर्चा है कि 10 फीसद परिणाम देने वाले शिक्षकों पर निलंबन की
गाज गिर सकती है।
बताया जा रहा है कि ऐसी चर्चा वीरवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा पीसी धीमान की अध्यक्षता में शिक्षा निदेशकों व उपनिदेशकों से बैठक के दौरान हुई।
हालांकि यह बैठक दसवीं और जमा दो कक्षा की वार्षिक परीक्षा में 25 फीसद से कम परिणाम देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए बुलाई गई थी। इस दौरान अधिकारियों ने खराब परिणाम के लिए शिक्षकों के दिए जवाब का अवलोकन किया। इनके बाद निर्णय लिया कि ऐसे सभी शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
दसवीं और जमा दो कक्षा की परीक्षा में 25 फीसद से कम परिणाम देने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विशेष बैठक वीरवार शाम साढ़े चार बजे के बाद शुरू हुई। इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अलावा उच्च शिक्षा निदेशक और उपनिदेशक शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार शिक्षकों के दिए जवाब में कहा है कि उनकी तरफ से बच्चों के बेहतर परिणाम के लिए पूरा प्रयास किया गया है।
सूत्रों के अनुसार बैठक में कहा गया कि तीन साल तक शून्य परिणाम देने वाले शिक्षक निलंबित कर दिए जाएंगे। वहीं मात्र 10 फीसद तक परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों का भी निलंबन हो सकता है।
आठवीं तक फेल ही नहीं करने तो यही होगी स्थिति
सूत्रों के अनुसार बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि जब आठवीं तक बच्चों को फेल ही नहीं करना है तो बेहतर परिणाम आखिर कैसे आएंगे। इसके विपरीत निजी स्कूलों मेंमाह में दो से तीन बार टेस्ट होते हैं।
शिक्षकों का स्थानांतरण होना तय
अभी तक यह माना जा रहा था कि ऐसे शिक्षकों पर गाज नहीं गिरेगी, लेकिन अब इस संबंध में बैठक में मौजूद अधिकारियों ने कार्रवाई की आवश्यकता जताई है। ऐसे में खराब परिणाम देने वाले शिक्षकों का तबादला हो सकता है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
बताया जा रहा है कि ऐसी चर्चा वीरवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा पीसी धीमान की अध्यक्षता में शिक्षा निदेशकों व उपनिदेशकों से बैठक के दौरान हुई।
हालांकि यह बैठक दसवीं और जमा दो कक्षा की वार्षिक परीक्षा में 25 फीसद से कम परिणाम देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए बुलाई गई थी। इस दौरान अधिकारियों ने खराब परिणाम के लिए शिक्षकों के दिए जवाब का अवलोकन किया। इनके बाद निर्णय लिया कि ऐसे सभी शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
दसवीं और जमा दो कक्षा की परीक्षा में 25 फीसद से कम परिणाम देने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विशेष बैठक वीरवार शाम साढ़े चार बजे के बाद शुरू हुई। इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अलावा उच्च शिक्षा निदेशक और उपनिदेशक शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार शिक्षकों के दिए जवाब में कहा है कि उनकी तरफ से बच्चों के बेहतर परिणाम के लिए पूरा प्रयास किया गया है।
सूत्रों के अनुसार बैठक में कहा गया कि तीन साल तक शून्य परिणाम देने वाले शिक्षक निलंबित कर दिए जाएंगे। वहीं मात्र 10 फीसद तक परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों का भी निलंबन हो सकता है।
आठवीं तक फेल ही नहीं करने तो यही होगी स्थिति
सूत्रों के अनुसार बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि जब आठवीं तक बच्चों को फेल ही नहीं करना है तो बेहतर परिणाम आखिर कैसे आएंगे। इसके विपरीत निजी स्कूलों मेंमाह में दो से तीन बार टेस्ट होते हैं।
शिक्षकों का स्थानांतरण होना तय
अभी तक यह माना जा रहा था कि ऐसे शिक्षकों पर गाज नहीं गिरेगी, लेकिन अब इस संबंध में बैठक में मौजूद अधिकारियों ने कार्रवाई की आवश्यकता जताई है। ऐसे में खराब परिणाम देने वाले शिक्षकों का तबादला हो सकता है।
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