शिमला: शिक्षा विभाग ने प्रदेश के ऐसे शिक्षकों को भी
कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिनके परीक्षा परिणाम 80 प्रतिशत हैं। इस
दौरान विभाग ने 129 हाई स्कूल व 40 से ज्यादा शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस
थमाए हैं। ऐसी कार्यप्रणाली पर शिक्षकों ने विभाग को घेरते हुए कहा है कि
सरकार 25 प्रतिशत रिजल्ट आने पर कार्रवाई क रने के आदेश जारी कर रही है और
विभाग 80 प्रतिशत रिजल्ट आने पर कार्रवाई कर रहा है जोकि हैरान करने वाला
है।
हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ का कहना है कि वर्ष 2016 क ी बोर्ड परीक्षाओं मे 80 प्रतिशत से ऊपर परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों क ो भी विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं, ऐसे में शिक्षक भी परेशान हैं। संघ का कहना है कि विभाग की यह कैसी कार्रवाई है जिन सामान्य श्रेणियों केविद्यार्थियों के बोर्ड परीक्षाओं में 77 प्रतिशत से अधिक अंक आते हैं, उन्हें विवेकानंद छात्रवृत्ति योजना के तहत 10 हजार रुपए प्रदान किए जाते हैं। भीमराव अम्बेदकर व ठाकुरसेन योजना के तहत 70 प्रतिशत से ऊपर अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं।
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकारी स्कूलों में गैर-शैक्षणिक स्टाफ की भारी कमी है व कहीं मूलभूत सुविधाओं की कमी है। सरकारी स्कूलों के हजारों शिक्षक क्लर्क बन गए हैं जो वेतन बनाने से लेकर फीस लेने व जमा करवाने, छात्रवृत्ति का लेखा-जोखा व सर्विस बुक रिकॉर्ड अपडेट करने में जुटे हैं। यही नहीं डाक बनाने व निदेशालय की चि_ी के जवाब देने के अतिरिक्त और भी ऐसे कई काम हैं जो अध्यापक कर रहे हैं। प्रदेश में 453 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल ऐसे हैं जिनमें सारी फाइलों का कामकाज शिक्षक निपटा रहे हैं।
वर्ष 2006 से स्तरोन्नत हुए स्कूलों में नहीं गैर-शिक्षण स्टाफ
संघ का आरोप है कि राज्य में वर्ष 2006 के बाद जितने भी स्कूल स्तरोन्नत हुए व नए खुले हैं, उनमें विभाग ने एक भी क्लर्क तैनात नहीं किया है। नियमों के मुताबिक स्कू ल का लेखा-जोखा रखने के लिए एक क्लर्क के अलावा वरिष्ठ सहायक व अधीक्षक की तैनाती जरूरी है।
प्रवक्ताओं के हितों को नजरअंदाज कर रहे शिक्षा विभाग के निदेशक
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. अश्विनी कुमार, चेयरमैन मुश्ताक मुहम्मद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद बन्याल, हरी शर्मा, राजेश सैनी, महासचिव सुरेंद्र सकलानी, संगठन महासचिव डा. अक्षत ठाकुर, मुख्य प्रैस बीडी कश्यप व कानूनी सलाहकार राजेंद्र वर्मा ने संयुक्त बयान में कहा कि शिक्षा विभाग के निदेशक लगातार प्रवक्ताओं के हितों को नजरअंदाज कर रहे हैं जिसे किसी भी सूरत मे सहन नहीं किया जाएगा। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कई मांगों पर मुख्यमंत्री के साथ संघ की सहमति बनने पर भी शिक्षा निदेशक ने उन विषयों पर न तो सकारात्मक टिप्पणी की और न ही इसे क्रियान्वित किया।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ का कहना है कि वर्ष 2016 क ी बोर्ड परीक्षाओं मे 80 प्रतिशत से ऊपर परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों क ो भी विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं, ऐसे में शिक्षक भी परेशान हैं। संघ का कहना है कि विभाग की यह कैसी कार्रवाई है जिन सामान्य श्रेणियों केविद्यार्थियों के बोर्ड परीक्षाओं में 77 प्रतिशत से अधिक अंक आते हैं, उन्हें विवेकानंद छात्रवृत्ति योजना के तहत 10 हजार रुपए प्रदान किए जाते हैं। भीमराव अम्बेदकर व ठाकुरसेन योजना के तहत 70 प्रतिशत से ऊपर अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं।
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकारी स्कूलों में गैर-शैक्षणिक स्टाफ की भारी कमी है व कहीं मूलभूत सुविधाओं की कमी है। सरकारी स्कूलों के हजारों शिक्षक क्लर्क बन गए हैं जो वेतन बनाने से लेकर फीस लेने व जमा करवाने, छात्रवृत्ति का लेखा-जोखा व सर्विस बुक रिकॉर्ड अपडेट करने में जुटे हैं। यही नहीं डाक बनाने व निदेशालय की चि_ी के जवाब देने के अतिरिक्त और भी ऐसे कई काम हैं जो अध्यापक कर रहे हैं। प्रदेश में 453 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल ऐसे हैं जिनमें सारी फाइलों का कामकाज शिक्षक निपटा रहे हैं।
वर्ष 2006 से स्तरोन्नत हुए स्कूलों में नहीं गैर-शिक्षण स्टाफ
संघ का आरोप है कि राज्य में वर्ष 2006 के बाद जितने भी स्कूल स्तरोन्नत हुए व नए खुले हैं, उनमें विभाग ने एक भी क्लर्क तैनात नहीं किया है। नियमों के मुताबिक स्कू ल का लेखा-जोखा रखने के लिए एक क्लर्क के अलावा वरिष्ठ सहायक व अधीक्षक की तैनाती जरूरी है।
प्रवक्ताओं के हितों को नजरअंदाज कर रहे शिक्षा विभाग के निदेशक
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. अश्विनी कुमार, चेयरमैन मुश्ताक मुहम्मद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद बन्याल, हरी शर्मा, राजेश सैनी, महासचिव सुरेंद्र सकलानी, संगठन महासचिव डा. अक्षत ठाकुर, मुख्य प्रैस बीडी कश्यप व कानूनी सलाहकार राजेंद्र वर्मा ने संयुक्त बयान में कहा कि शिक्षा विभाग के निदेशक लगातार प्रवक्ताओं के हितों को नजरअंदाज कर रहे हैं जिसे किसी भी सूरत मे सहन नहीं किया जाएगा। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कई मांगों पर मुख्यमंत्री के साथ संघ की सहमति बनने पर भी शिक्षा निदेशक ने उन विषयों पर न तो सकारात्मक टिप्पणी की और न ही इसे क्रियान्वित किया।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC