राज्य ब्यूरो, शिमला : पीजीटी शिक्षकों की वेतन कटौती करने के मामले में
हिमाचल शिक्षक महासंघ ने निष्पक्ष छानबीन की मांग की है। इसके लिए मुख्य
सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इस
लापरवाही के लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं। क्या वित्त विभाग की
गलती है या शिक्षा विभाग की गलती के कारण शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा
है।
हिमाचल शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. प्रेम शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री को वित्त विभाग व शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के ऊपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि आए दिन शिक्षा विभाग में आला अधिकारी मनमर्जी से शिक्षा विभाग में भ्रमित आदेशों द्वारा शिक्षकों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं। हिमाचल शिक्षक महासंघ इस तरह के तुगलकी फरमान को कभी भी सहन नहीं करेगा। इस मामले में शिक्षकों को न्याय प्रदान करने की मांग संघ ने की है। पीजीटी के वेतन में कटौती को निदंनीय करार दिया है, क्योंकि दो वर्ष पूर्व भी विभाग के आदेशानुसार ही इन अध्यापकों की फिक्सेशन की गई थी। शिक्षा विभाग को इस तरह के गलत आदेश करने से परहेज करना चाहिए।
नियमितीकरण रद करना दोषपूर्ण नीति
डॉ. प्रेम शर्मा ने कहा है कि कॉलेजों के 80 सहायक आचार्यो को नियमित से अनुबंध करना भी शिक्षा विभाग की दोषपूर्ण नीति का परिणाम है। यदि उचित नीति एवं मानदंडों को निर्धारित करके उक्त कॉलेज के अध्यापकों को नियमित किया होता तो इन शिक्षकों को आज यह परेशानी न झेलनी पड़ती। मुख्यमंत्री को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए तथा दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को नसीहत देनी चाहिए, ताकि शिक्षा विभाग में मूलभूत सुधार हो सके, गलत परिपाटी पर लगाम लगाई जा सके।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
हिमाचल शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. प्रेम शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री को वित्त विभाग व शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के ऊपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि आए दिन शिक्षा विभाग में आला अधिकारी मनमर्जी से शिक्षा विभाग में भ्रमित आदेशों द्वारा शिक्षकों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं। हिमाचल शिक्षक महासंघ इस तरह के तुगलकी फरमान को कभी भी सहन नहीं करेगा। इस मामले में शिक्षकों को न्याय प्रदान करने की मांग संघ ने की है। पीजीटी के वेतन में कटौती को निदंनीय करार दिया है, क्योंकि दो वर्ष पूर्व भी विभाग के आदेशानुसार ही इन अध्यापकों की फिक्सेशन की गई थी। शिक्षा विभाग को इस तरह के गलत आदेश करने से परहेज करना चाहिए।
नियमितीकरण रद करना दोषपूर्ण नीति
डॉ. प्रेम शर्मा ने कहा है कि कॉलेजों के 80 सहायक आचार्यो को नियमित से अनुबंध करना भी शिक्षा विभाग की दोषपूर्ण नीति का परिणाम है। यदि उचित नीति एवं मानदंडों को निर्धारित करके उक्त कॉलेज के अध्यापकों को नियमित किया होता तो इन शिक्षकों को आज यह परेशानी न झेलनी पड़ती। मुख्यमंत्री को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए तथा दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को नसीहत देनी चाहिए, ताकि शिक्षा विभाग में मूलभूत सुधार हो सके, गलत परिपाटी पर लगाम लगाई जा सके।
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