राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में नियमित हुए हजारों पैरा टीजीटी व
अनबंध टीजीटी से अब रिकवरी होगी। इस संबंध में प्रदेश शिक्षा विभाग के
निर्देशों ने शिक्षकों की चिंता को बढ़ा दिया है। इन शिक्षकों से रिकवरी इस
आधार पर होगी कि इन नियमित हुए 3200 शिक्षकों में से 2200 शिक्षकों का
न्यूनतम वेतन 14,430 के स्थान पर अब 13,900 रुपये कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों में 24 सितंबर 2012 के आदेशों का हवाला दिया गया है। इसके तहत नियमित हुए टीजीटी को ज्यादा न्यूनतम वेतन दिया गया है।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों के तहत जिन शिक्षकों को 14,430 रुपये न्यूनतम वेतन दिया गया है, उनका पूरा रिकॉर्ड देखकर आवश्यक कार्रवाई करने को शिक्षा विभाग के सभी शिक्षा उपनिदेशकों, प्रधानाचार्य व हेडमास्टर को लिखा गया है। मंगलवार को जारी किए गए आदेशों के तहत पे बैंड 10,300 से 34,800 और 3,600 रुपये ग्रेड-पे बताई गई है जबकि दिसंबर 2014 से लेकर अगस्त 2015 तक नियमित हुए पैरा टीजीटी व अनुबंध टीजीटी को 14,430 रुपये दिए गए।
शिक्षकों की चिंता बढ़ी
शिक्षा विभाग के इन निर्देशों के कारण शिक्षा विभाग के नियमित हुए करीब 3200 शिक्षकों की चिंता बढ़ गई हैं। इनमें से 700 के करीब पैरा टीजीटी व 1500 के लगभग अनुबंध टीजीटी हैं जो नियमितीकरण से लेकर अब तक 1530 रुपये अधिक ले चुके हैं। बाद में नियमित हुए करीब 1000 टीजीटी हैं। इन शिक्षकों को यह चिंता सताने लगी हैं कि आखिर नियमितीकरण से अब तक यदि 1530 रुपये मासिक की रिकवरी होगी तो उनका क्या होगा?
1530 रुपये का 3200 शिक्षकों को नुकसान
इन आदेशों के जारी होने के कारण 3200 शिक्षकों को करीब 1530 रुपये का सीधा नुकसान होगा। प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा एक हजार टीजीटी को नियमित किया गया है। इन्हें 13,900 रुपये न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है जबकि वे पूर्व में दिए गए न्यूनतम वेतन की मांग कर रहे हैं।
न्यूनतम वेतनमान को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत न्यूनतम वेतन 2012 के आदेशों के तहत किया गया है जो निर्धारित था। शिक्षकों से रिकवरी और अन्य प्रक्रिया को लेकर विचार किया जा रहा है।
-मोहन, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों में 24 सितंबर 2012 के आदेशों का हवाला दिया गया है। इसके तहत नियमित हुए टीजीटी को ज्यादा न्यूनतम वेतन दिया गया है।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों के तहत जिन शिक्षकों को 14,430 रुपये न्यूनतम वेतन दिया गया है, उनका पूरा रिकॉर्ड देखकर आवश्यक कार्रवाई करने को शिक्षा विभाग के सभी शिक्षा उपनिदेशकों, प्रधानाचार्य व हेडमास्टर को लिखा गया है। मंगलवार को जारी किए गए आदेशों के तहत पे बैंड 10,300 से 34,800 और 3,600 रुपये ग्रेड-पे बताई गई है जबकि दिसंबर 2014 से लेकर अगस्त 2015 तक नियमित हुए पैरा टीजीटी व अनुबंध टीजीटी को 14,430 रुपये दिए गए।
शिक्षकों की चिंता बढ़ी
शिक्षा विभाग के इन निर्देशों के कारण शिक्षा विभाग के नियमित हुए करीब 3200 शिक्षकों की चिंता बढ़ गई हैं। इनमें से 700 के करीब पैरा टीजीटी व 1500 के लगभग अनुबंध टीजीटी हैं जो नियमितीकरण से लेकर अब तक 1530 रुपये अधिक ले चुके हैं। बाद में नियमित हुए करीब 1000 टीजीटी हैं। इन शिक्षकों को यह चिंता सताने लगी हैं कि आखिर नियमितीकरण से अब तक यदि 1530 रुपये मासिक की रिकवरी होगी तो उनका क्या होगा?
1530 रुपये का 3200 शिक्षकों को नुकसान
इन आदेशों के जारी होने के कारण 3200 शिक्षकों को करीब 1530 रुपये का सीधा नुकसान होगा। प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा एक हजार टीजीटी को नियमित किया गया है। इन्हें 13,900 रुपये न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है जबकि वे पूर्व में दिए गए न्यूनतम वेतन की मांग कर रहे हैं।
न्यूनतम वेतनमान को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत न्यूनतम वेतन 2012 के आदेशों के तहत किया गया है जो निर्धारित था। शिक्षकों से रिकवरी और अन्य प्रक्रिया को लेकर विचार किया जा रहा है।
-मोहन, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग
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