हमीरपुर: वर्ष 2002-03 में हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ चयन
बोर्ड हमीरपुर के नियुक्ति मामले को लेकर पूर्व अध्यक्ष एसएम कटवाल की
गिरफ्तारी के लिए विजीलैंस की टीम ने उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी है
लेकिन कटवाल यहां नहीं मिले हैं।
जानकारी के अनुसार चयन आयोग हमीरपुर में सरकारी पदों की भर्ती प्रक्रिया में धांधली के आरोपों में नामजद तत्कालीन अध्यक्ष एसएम कटवाल व सदस्य विद्यानाथ दिल्ली में कानूनविदों की शरण में चले गए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में सुनाई गई सजा में बचाव के लिए दोनों दिल्ली में डटे हुए हैं, वहीं विजीलैंस के लिए इन दोनों को कोर्ट में 26 सितम्बर तक पेश करना चुनौती बन गया है। इस मामले में वर्तमान में 2 शिक्षक पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं जबकि तत्कालीन अध्यक्ष व सदस्य विजीलैंस की पकड़ में नहीं आए हैं।
जानकारी के अनुसार मंगलवार तड़के विजीलैंस की टीम ने तत्कालीन अध्यक्ष के घर पर दबिश दी लेकिन वह नहीं मिले। बता दें कि भाजपा सरकार के समय में तत्कालीन अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड व वर्तमान में कर्मचारी चयन आयोग में सरकारी पदों की भर्ती प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगे थे जिसके बाद सत्ता बदलते ही वर्ष 2004 में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस सरकार ने इस मामले मेंं जांच बिठाई थी तथा इस मामले में तत्कालीन अध्यक्ष, एक सदस्य व 2 अन्य लोगों को कोर्ट ने सजा सुनाई थी जिस पर इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद इन चारों की गिरफ्तारी के आदेश कोर्ट की ओर से दिए गए हैं जिन्हें हमीरपुर सैशन कोर्ट में 26 सितम्बर तक उपस्थित होना है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
जानकारी के अनुसार चयन आयोग हमीरपुर में सरकारी पदों की भर्ती प्रक्रिया में धांधली के आरोपों में नामजद तत्कालीन अध्यक्ष एसएम कटवाल व सदस्य विद्यानाथ दिल्ली में कानूनविदों की शरण में चले गए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में सुनाई गई सजा में बचाव के लिए दोनों दिल्ली में डटे हुए हैं, वहीं विजीलैंस के लिए इन दोनों को कोर्ट में 26 सितम्बर तक पेश करना चुनौती बन गया है। इस मामले में वर्तमान में 2 शिक्षक पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं जबकि तत्कालीन अध्यक्ष व सदस्य विजीलैंस की पकड़ में नहीं आए हैं।
जानकारी के अनुसार मंगलवार तड़के विजीलैंस की टीम ने तत्कालीन अध्यक्ष के घर पर दबिश दी लेकिन वह नहीं मिले। बता दें कि भाजपा सरकार के समय में तत्कालीन अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड व वर्तमान में कर्मचारी चयन आयोग में सरकारी पदों की भर्ती प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगे थे जिसके बाद सत्ता बदलते ही वर्ष 2004 में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस सरकार ने इस मामले मेंं जांच बिठाई थी तथा इस मामले में तत्कालीन अध्यक्ष, एक सदस्य व 2 अन्य लोगों को कोर्ट ने सजा सुनाई थी जिस पर इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद इन चारों की गिरफ्तारी के आदेश कोर्ट की ओर से दिए गए हैं जिन्हें हमीरपुर सैशन कोर्ट में 26 सितम्बर तक उपस्थित होना है।
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