हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का नया कुलपति कौन होगा, इस पर फैसला होना
बाकी है। इसका विवि के कर्मचारियों और छात्रों को भी बेसब्री से इंतजार है।
नए कुलपति और नई सत्तासीन हुई प्रदेश सरकार के समक्ष विवि के विभागों,
अपने संस्थानों में सालों से रिक्त चल रहे और सेवानिवृत्ति के कारण खाली
हुए शिक्षकों (सहायक और सह आचार्य) के पदों को भरने की प्रक्रिया अब नए
सिरे से शुरू करनी पड़ सकती है।
पिछले साल विवि ने 118 शिक्षकों के पदों को पुनर्विज्ञापित किया था, जिसकी एक साल की तय समय सीमा इसी माह 21 जनवरी को पूरी हो रही है। इन विज्ञापित पदों में से एचपीयू सिर्फ एक विजुअल आर्ट के सहायक आचार्य का पद ही भर पाया था। नए कुलपति के पदभार संभालते ही शिक्षक भर्ती को गंभीरता से लेना होगा, चूंकि इन 117 पदों के अलावा विवि में नए करीब 22 पद और भी रिक्त हो चुके हैं।
ऐसे में करीब 140 पदों के लिए नए सिरे से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी पड़ सकती है। विवि के पास एक और विकल्प रहेगा कि वह इन विज्ञापित पदों को भरने के लिए छह माह का कार्यकाल बढ़ाए, जिसके लिए सरकार के नुमाइंदों वाली विवि की वित्त समिति से मंजूरी लेने के बाद विवि कार्यकारी परिषद से भी स्वीकृति लेनी पड़ेगी।
चूंकि शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया लंबी होती है। इसलिए इतनी अधिक तादाद में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को पूरा कर पाना छह माह के समय में पूरा करना संभव नहीं होगा। इसलिए विवि को पिछले रिक्त पड़े 117 और नए रिक्त हुए पदों को भरने के लिए नए सिरे से इन्हें विज्ञापित कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी। जिसके लिए सरकार वित्त कमेटी, ईसी से मंजूरी लेनी पड़ेगी।
प्रदेश सरकार के आदेशों पर ही आगे बढ़ेगी प्रक्रिया
इधर, कुलपति प्रो. राजिंद्र सिंह चौहान ने माना कि जनवरी 2017 में विज्ञापित पदों को भरने की प्रक्रिया प्रदेश सरकार के आदेशों पर ही आगे बढ़ेगी। कुलपति के पद पर भी तैनाती होनी है। पदों को पुनर्विज्ञापित करना है या भर्ती को समयसीमा बढ़ानी है। इस पर वह फिलहाल कुछ नहीं कह पाएंगे।
पिछले साल विवि ने 118 शिक्षकों के पदों को पुनर्विज्ञापित किया था, जिसकी एक साल की तय समय सीमा इसी माह 21 जनवरी को पूरी हो रही है। इन विज्ञापित पदों में से एचपीयू सिर्फ एक विजुअल आर्ट के सहायक आचार्य का पद ही भर पाया था। नए कुलपति के पदभार संभालते ही शिक्षक भर्ती को गंभीरता से लेना होगा, चूंकि इन 117 पदों के अलावा विवि में नए करीब 22 पद और भी रिक्त हो चुके हैं।
ऐसे में करीब 140 पदों के लिए नए सिरे से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी पड़ सकती है। विवि के पास एक और विकल्प रहेगा कि वह इन विज्ञापित पदों को भरने के लिए छह माह का कार्यकाल बढ़ाए, जिसके लिए सरकार के नुमाइंदों वाली विवि की वित्त समिति से मंजूरी लेने के बाद विवि कार्यकारी परिषद से भी स्वीकृति लेनी पड़ेगी।
चूंकि शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया लंबी होती है। इसलिए इतनी अधिक तादाद में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को पूरा कर पाना छह माह के समय में पूरा करना संभव नहीं होगा। इसलिए विवि को पिछले रिक्त पड़े 117 और नए रिक्त हुए पदों को भरने के लिए नए सिरे से इन्हें विज्ञापित कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी। जिसके लिए सरकार वित्त कमेटी, ईसी से मंजूरी लेनी पड़ेगी।
प्रदेश सरकार के आदेशों पर ही आगे बढ़ेगी प्रक्रिया
इधर, कुलपति प्रो. राजिंद्र सिंह चौहान ने माना कि जनवरी 2017 में विज्ञापित पदों को भरने की प्रक्रिया प्रदेश सरकार के आदेशों पर ही आगे बढ़ेगी। कुलपति के पद पर भी तैनाती होनी है। पदों को पुनर्विज्ञापित करना है या भर्ती को समयसीमा बढ़ानी है। इस पर वह फिलहाल कुछ नहीं कह पाएंगे।