चहेतों शिक्षकों को ही बोर्ड परीक्षाओं की ड्यूटी में लगाने के आरोप के बाद
मामले ने तूल पकड़ लिया है। स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सभी आरोपों का खंडन
किया है। स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव हरीश गज्जू ने कहा है कि अगर किसी के
पास चहेते शिक्षकों की लिस्ट हैं तो वह बोर्ड को सौंपे। मामले की जांच की
जाएगी।
उधर, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा द्वारा बोर्ड सचिव को लिखे गए जांच करने
के पत्र में प्रयोग किए गए शब्दों की राजकीय अध्यापक संघ ने कड़ी निंदा की
है।
संघ ने संयुक्त निदेशक से शिक्षकों के संदर्भ में पत्र में लिखे गए आपत्तिजनक शब्दों को वापस लेने की मांग की है। संघ ने शिकायतकर्ता के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है।
स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव ने बताया है कि बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी लगाने के लिए शिक्षकों से आनलाइन आवेदन मांगे जाते हैं। इसी तरह मूल्यांकन के लिए भी शिक्षकों से आवेदन मांगे जाते हैं। आवेदनों के हिसाब से ड्यूटियां लगाई जाती हैं।
उधर, हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा है कि शिक्षा निदेशालय में उच्च पद पर आसीन एक शिक्षक नेता राजनैतिक लाभ के लिए शिक्षकों को गुमराह कर रहे हैं।
इससे न केवल शिक्षकों के स्वाभिमान तथा शैक्षिक कार्यों के प्रति शिक्षकों की ओर से स्वेच्छा से कार्य करने की भावना को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया गया है, बल्कि एक स्वायत्त संस्था की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह लगाया है।
उन्होंने शिक्षा विभाग से ऐसे शिक्षकों पर भी कार्रवाई करने की मांग की है जो बार-बार निदेशालय में प्रतिनियुक्ति पर आते हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर मिलती है।
संघ ने संयुक्त निदेशक से शिक्षकों के संदर्भ में पत्र में लिखे गए आपत्तिजनक शब्दों को वापस लेने की मांग की है। संघ ने शिकायतकर्ता के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है।
स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव ने बताया है कि बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी लगाने के लिए शिक्षकों से आनलाइन आवेदन मांगे जाते हैं। इसी तरह मूल्यांकन के लिए भी शिक्षकों से आवेदन मांगे जाते हैं। आवेदनों के हिसाब से ड्यूटियां लगाई जाती हैं।
उधर, हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा है कि शिक्षा निदेशालय में उच्च पद पर आसीन एक शिक्षक नेता राजनैतिक लाभ के लिए शिक्षकों को गुमराह कर रहे हैं।
इससे न केवल शिक्षकों के स्वाभिमान तथा शैक्षिक कार्यों के प्रति शिक्षकों की ओर से स्वेच्छा से कार्य करने की भावना को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया गया है, बल्कि एक स्वायत्त संस्था की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह लगाया है।
उन्होंने शिक्षा विभाग से ऐसे शिक्षकों पर भी कार्रवाई करने की मांग की है जो बार-बार निदेशालय में प्रतिनियुक्ति पर आते हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर मिलती है।