अमर उजाला ब्यूरो हमीरपुर। हिमाचल शिक्षक मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक
के पद पर स्कूल कैडर से जुड़े अधिकारी की नियुक्ति की मांग की है। मंच के
सदस्यों का कहना है कि वर्तमान शिक्षा निदेशक का कार्यकाल इस वर्ष समाप्त
होने जा रहा हैं।
उनकी सेवानिवृत्ति के उपरांत उनके पद पर यदि किसी स्कूल स्तर के व्यक्ति का चुनाव किया जाता है तो इससे प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा के सरकार के लक्ष्य को पाने मे मदद मिलेगी। प्रदेश में जहां प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की कमान आईएएस कैडर के हाथ में है, वहीं उच्चतर शिक्षा निदेशालय की कमान कॉलेज कैडर से जुड़े शिक्षकों के हाथ में है। मंच के संयोजक सदस्य अश्वनी भट्ट, संजय मोगू, तपिश थापा, अजय चौधरी और अमित शर्मा का कहना है कि प्रदेश में हमेशा से स्कूल कैडर से जुड़े शिक्षकों को निदेशालय मे जगह तो मिलती है, परंतु निदेशक हमेशा से कॉलेज कैडर से नियुक्त होते हैं। क्योंकि कॉलेज कैडर और आईएएस अधिकारियों को पाठशालाओं की जमीनी समस्याओं का अनुभव नहीं होता है। इस कारण से प्रदेश में स्कूली शिक्षा की कड़ी हमेशा से ही कमजोर रही है। मंच के सदस्यों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि आगामी शिक्षा निदेशक की नियुक्ति स्कूली कैडर के शिक्षक से ही करें। उन्होंने कहा कि इस पद पर किसी भी प्रशासनिक सेवा के अधिकारी या कॉलेज कैडर के अधिकारी की नियुक्ति का मंच विरोध करेगा। इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को मंच शीघ्र ही ज्ञापन सौंपेगा। वहीं मंच ने मांग की है कि प्रदेश में शिक्षा के उचित संचालन के लिए दो की बजाय तीन निदेशालय स्थापित किए जाए।
उनकी सेवानिवृत्ति के उपरांत उनके पद पर यदि किसी स्कूल स्तर के व्यक्ति का चुनाव किया जाता है तो इससे प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा के सरकार के लक्ष्य को पाने मे मदद मिलेगी। प्रदेश में जहां प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की कमान आईएएस कैडर के हाथ में है, वहीं उच्चतर शिक्षा निदेशालय की कमान कॉलेज कैडर से जुड़े शिक्षकों के हाथ में है। मंच के संयोजक सदस्य अश्वनी भट्ट, संजय मोगू, तपिश थापा, अजय चौधरी और अमित शर्मा का कहना है कि प्रदेश में हमेशा से स्कूल कैडर से जुड़े शिक्षकों को निदेशालय मे जगह तो मिलती है, परंतु निदेशक हमेशा से कॉलेज कैडर से नियुक्त होते हैं। क्योंकि कॉलेज कैडर और आईएएस अधिकारियों को पाठशालाओं की जमीनी समस्याओं का अनुभव नहीं होता है। इस कारण से प्रदेश में स्कूली शिक्षा की कड़ी हमेशा से ही कमजोर रही है। मंच के सदस्यों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि आगामी शिक्षा निदेशक की नियुक्ति स्कूली कैडर के शिक्षक से ही करें। उन्होंने कहा कि इस पद पर किसी भी प्रशासनिक सेवा के अधिकारी या कॉलेज कैडर के अधिकारी की नियुक्ति का मंच विरोध करेगा। इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को मंच शीघ्र ही ज्ञापन सौंपेगा। वहीं मंच ने मांग की है कि प्रदेश में शिक्षा के उचित संचालन के लिए दो की बजाय तीन निदेशालय स्थापित किए जाए।