जेबीटी भर्ती को लेकर शिक्षा मंत्री व प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा बेरोजगारों को कोर्ट में स्टे का हवाला देकर गुमराह किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री द्वारा बीते दिनों कुल्लू में बजट सत्र के तुरंत बाद जेबीटी की बैच व कमीशन के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का दावा किया गया था, लेकिन अब शिक्षा मंत्री व विभाग द्वारा कोर्ट में स्टे होने का बहाना बनाकर भर्ती प्रक्रिया को लटकाने का प्रयास किया जा रहा है।
विभाग अभ्यार्थियों को जेबीटी के पुराने व नए आरएंडपी में उलझा रहा है। लेकिन प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल द्वारा बीते 30 अगस्त 2017 को प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर टेट मैरिट वाले आरएंडपी को निरस्त कर दिया है। उसके बाद विभाग द्वारा जेबीटी के नए आरएंडपी बनाए गए। लेकिन विभाग नए नियमों के तहत भर्ती करने को लेकर आनाकानी कर रहा है।हाई स्कूल द्वारा 23 फरवरी को जेबीटी भर्ती को लेकर स्टे लगाया था। लेकिन 13 मार्च को मामले की सुनवाई में कोर्ट द्वारा स्टे हटाकर प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग को नए आरएंडपी के तहत 50 प्रतिशत बैच व 50 प्रतिशत कमीशन के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे। अब शिक्षा मंत्री व विभाग के कोर्ट में स्टे का हवाला देकर अभ्यार्थियों को गुमराह किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग भर्ती प्रक्रिया को लटकाने में लगा
प्रदेशभर में जेबीटी के 1858 पद रिक्त चल रहे हैं। लेकिन शिक्षा मंत्री व निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग भर्ती प्रक्रिया को लटकाने में लगे हुए हैं। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष जीएस बेदी ने बताया कि प्रदेशभर के प्राथमिक स्कूलों में जेबीटी के 1858 पद खाली होने से शिक्षा व्यवस्था चरामरा गई है। प्रदेश सरकार अतिशीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू कर रिक्त पदों को भरें ताकि सत्र के शुरू में शिक्षकों की तैनाती हो सके। बेरोजगार जेबीटी संघ के याचिकाकर्ता एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश कश्यप ने कहा कि हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती को शुरू करने के लिए प्रदेश सरकार व विभाग को नए आरएंडपी के तहत स्वतंत्र कर दिया है, लेकिन सरकार व विभाग कोर्ट में स्टे का हवाला देकर बेरोरगारों को गुमराह कर रहा है। सरकार व विभाग जेबीटी के रिक्त पदों को भरने के लिए जल्द प्रक्रिया शुरू करें।
जेबीटी भर्ती को लेकर मामला प्रदेश हाई कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। डाॅ. मनमोहन शर्मा, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग
जेबीटी के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रदेश सरकार गंभीर है। मामला कोर्ट में होने के चलते अंतिम निर्णय आने के बाद भर्ती की जा सकेगी। सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री प्रदेश सरकार।
विभाग अभ्यार्थियों को जेबीटी के पुराने व नए आरएंडपी में उलझा रहा है। लेकिन प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल द्वारा बीते 30 अगस्त 2017 को प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर टेट मैरिट वाले आरएंडपी को निरस्त कर दिया है। उसके बाद विभाग द्वारा जेबीटी के नए आरएंडपी बनाए गए। लेकिन विभाग नए नियमों के तहत भर्ती करने को लेकर आनाकानी कर रहा है।हाई स्कूल द्वारा 23 फरवरी को जेबीटी भर्ती को लेकर स्टे लगाया था। लेकिन 13 मार्च को मामले की सुनवाई में कोर्ट द्वारा स्टे हटाकर प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग को नए आरएंडपी के तहत 50 प्रतिशत बैच व 50 प्रतिशत कमीशन के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे। अब शिक्षा मंत्री व विभाग के कोर्ट में स्टे का हवाला देकर अभ्यार्थियों को गुमराह किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग भर्ती प्रक्रिया को लटकाने में लगा
प्रदेशभर में जेबीटी के 1858 पद रिक्त चल रहे हैं। लेकिन शिक्षा मंत्री व निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग भर्ती प्रक्रिया को लटकाने में लगे हुए हैं। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष जीएस बेदी ने बताया कि प्रदेशभर के प्राथमिक स्कूलों में जेबीटी के 1858 पद खाली होने से शिक्षा व्यवस्था चरामरा गई है। प्रदेश सरकार अतिशीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू कर रिक्त पदों को भरें ताकि सत्र के शुरू में शिक्षकों की तैनाती हो सके। बेरोजगार जेबीटी संघ के याचिकाकर्ता एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश कश्यप ने कहा कि हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती को शुरू करने के लिए प्रदेश सरकार व विभाग को नए आरएंडपी के तहत स्वतंत्र कर दिया है, लेकिन सरकार व विभाग कोर्ट में स्टे का हवाला देकर बेरोरगारों को गुमराह कर रहा है। सरकार व विभाग जेबीटी के रिक्त पदों को भरने के लिए जल्द प्रक्रिया शुरू करें।
जेबीटी भर्ती को लेकर मामला प्रदेश हाई कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। डाॅ. मनमोहन शर्मा, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग
जेबीटी के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रदेश सरकार गंभीर है। मामला कोर्ट में होने के चलते अंतिम निर्णय आने के बाद भर्ती की जा सकेगी। सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री प्रदेश सरकार।