शिमला— ट्रांसफर पालिसी
पर गत कुछ महीनों से चल रहा बवाल अब भले ही बाहर से शांत हो गया हो, लेकिन
शिक्षा विभाग व सरकार अभी भी गुपचुप तरीके से ट्रांसफर पालिसी की घोषणा के
बीच में फंस कर रह चुके हैं।
वहीं शिक्षक संगठन एक बार फिर ड्राफट पढ़ने के
बाद ट्रांसफर पालिसी पर रखी बैठक में कोई बवेला खड़ा न करें, इसलिए शिक्षा
विभाग ने बैठक ही कैंसिल कर मेल ओर पोस्ट के जरिए ही शिक्षकों से सुझाव
मांग लिए थे और सरकार को भी भेज दिए। विभागीय सूत्र बताते हैं कि इसका यह
नतीजा रहा कि शिक्षक संगठनों के कई सदस्यों ने तो सुझाव दे दिए, लेकिन कई
सदस्य ऐसे भी थे, जो 30 अप्रैल को होने वाली बैठक का केवल इंतजार ही करते
रहे। जानकारी के अनुसार जिन शिक्षकों ने ट्रांसफर पालिसी पर दूसरी बार भी
सुझाव दिए हैं, वे भी पालिसी के खिलाफ ही हैं। उल्लेखनीय है कि शिक्षा
विभाग की ओर से शिक्षकों के विरोध के बाद ट्रासंफर पालिसी का ड्राफ्ट तैयार
कर सभी शिक्षक संगठनों तक पहुंचाया गया था, जिसका मकसद यही था कि शिक्षक
ड्राफ्ट को पढ़कर पालिसी के नियमों के बारे में अच्छे से जान पाएं व उसके
बाद अपने सुझाव विभाग को दें। अब शिक्षा विभाग अपने इस निर्णय से मुकर चुका
है। निदेशक उच्च शिक्षा डा. अमर देव ने बताया कि ट्रांसफर पालिसी पर अब
बैठक नहीं होगी।
पालिसी में खामियां
शिक्षकों की ओर से भेजे गए सुझाव में 60
प्रतिशत शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने ट्रांसफर पालिसी में कई खामियां गिनाई
हैं। जानकारी के अनुसार संगठन के कई सदस्य ऐसे भी थे, जिन्होंने पालिसी को
ठीक तो बताया है, लेकिन उसे प्रदेश में किस तरह से सफल बनाया जा सकता है,
इसके बारे में भी सुझाव दिए हैं।