जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 134 शिक्षकों
की भर्ती प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन एक
मामले का फैसला आने तक कोई भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाएगी। कार्यकारी
परिषद की बैठक में वित्त समिति की बैठक में मंजूर एजेडों को रखा गया।
लेकिन जैसे शिक्षक भर्ती का एजेंडा आया तो पता चला कि एससी रोस्टर को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन है। जब तक उक्त मामले में कोर्ट का फैसला नहीं आता है तब भी शिक्षक भर्ती के लिए पद विज्ञापित नहीं किए जा सकते। असल में विवि प्रशासन ने एफसीपीसी की बैठक में शिक्षक भर्ती का मामला लगाने से पहले काम ही नहीं किया। कोर्ट में मामला कई माह से चला है। लेकिन इसका पता विवि प्रशासन को तब चला जब ईसी में एजेंडा लगा दिया। पूर्व सरकार के कार्यकाल में जो पद विज्ञापित हुए थे उन सभी पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई थी। अब वर्तमान सरकार ने शिक्षकों की भर्ती को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
गेस्ट फैकल्टी का ही सहारा
अब हिमाचल प्रदेश विवि में गेस्ट फैकल्टी के आधार पर शिक्षकों की तैनाती करनी होगी। हालांकि गेस्ट फैकल्टी को लेकर हाईकोर्ट पहले ही फटकार लगा चुका है।
सिर्फ गैर शिक्षकों की होगी नियुक्त
विवि में शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरा जाएगा। इसको लेकर विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में मंजूरी प्रदान कर दी है। बीते 11 सितंबर को विश्वविद्यालय की वित्त समिति में गैर शिक्षक कर्मचारियों के रिक्त पद भरने को हरी झडी दी थी अब ईसी से भी मंजूरी मिल गई है। विश्वविद्यालय में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के 50 पदों को भरने की मंजूरी भी दी गई है।
मंगलवार को विश्वविद्यालय में हुई ईसी की बैठक में पिछली वित्त समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों को स्वीकृति दी गई। विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के बच्चों को जिनका मेरिट के आधार पर जिन कक्षाओं में प्रवेश होता है उनकी शिक्षा को पूरा करने में कोर्स फीस में 50 प्रतिशत का अनुदान उन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद भी कोर्स पूरा करने तक जारी रहेगा। बैठक कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार की अध्यक्षता में हुई। इसमें वार्षिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट 2014-2015 को स्वीकृति दी गई। इसके पश्चात इसे विश्वविद्यालय कोर्ट की बैठक में स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। ईसी ने विश्वविद्यालय के वार्षिक प्रतिवेदन 2016-17 को भी स्वीकृति दी।
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दिसंबर तक वाईफाई सुविधा लैस होगा विवि
बैठक में विवि के सभी छात्र संगठनों के ज्ञापनों पर भी चर्चा हुई। विवि कैंपस को बाईफाई सुविधा से लैस करने के लिए कुलपति ने दिसंबर 2018 तक का आश्वासन दिया है। बैठक में शोधाíथयों से ली जा रही 800 रुपये फीस मामले को रिव्यू करने के लिए कमेटी गठित की गई। कमेटी डीन ऑफ स्टडीज की अध्यक्षता में बनाई गई है। बैठक में विश्वविद्यालय के प्रो वीसी प्रो. राजेंद्र ¨सह चौहान, बिलासपुर सदर से विधायक सुभाष ठाकुर, प्रो. एनके शारदा, उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत कुमार, विवि के रजिस्ट्रार केके शर्मा, उप-सचिव (शिक्षा) नवनीत कपूर, ईसी सदस्य प्रो. अजय श्रीवास्तव, श्याम लाल कौशल, प्रमोद कुमार, विपन कुमार आदि उपस्थित थे।
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वार्षिक परीक्षा प्रणाली लागू करने को स्वीकृति
ई.सी ने अकादमिक परिषद् की स्नातक कक्षाओं में रूसा सिस्टम को हटाकर वार्षिक प्रणाली में शैक्षणिक सत्र 2018-19 से लागू करने को स्वीकृति दी। खेल स्पर्धाओं में भाग लेने वाले छात्रों को उनके आने जाने का भत्ता देने की स्वीकृति दी गई।
लेकिन जैसे शिक्षक भर्ती का एजेंडा आया तो पता चला कि एससी रोस्टर को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन है। जब तक उक्त मामले में कोर्ट का फैसला नहीं आता है तब भी शिक्षक भर्ती के लिए पद विज्ञापित नहीं किए जा सकते। असल में विवि प्रशासन ने एफसीपीसी की बैठक में शिक्षक भर्ती का मामला लगाने से पहले काम ही नहीं किया। कोर्ट में मामला कई माह से चला है। लेकिन इसका पता विवि प्रशासन को तब चला जब ईसी में एजेंडा लगा दिया। पूर्व सरकार के कार्यकाल में जो पद विज्ञापित हुए थे उन सभी पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई थी। अब वर्तमान सरकार ने शिक्षकों की भर्ती को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
गेस्ट फैकल्टी का ही सहारा
अब हिमाचल प्रदेश विवि में गेस्ट फैकल्टी के आधार पर शिक्षकों की तैनाती करनी होगी। हालांकि गेस्ट फैकल्टी को लेकर हाईकोर्ट पहले ही फटकार लगा चुका है।
सिर्फ गैर शिक्षकों की होगी नियुक्त
विवि में शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरा जाएगा। इसको लेकर विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में मंजूरी प्रदान कर दी है। बीते 11 सितंबर को विश्वविद्यालय की वित्त समिति में गैर शिक्षक कर्मचारियों के रिक्त पद भरने को हरी झडी दी थी अब ईसी से भी मंजूरी मिल गई है। विश्वविद्यालय में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के 50 पदों को भरने की मंजूरी भी दी गई है।
मंगलवार को विश्वविद्यालय में हुई ईसी की बैठक में पिछली वित्त समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों को स्वीकृति दी गई। विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के बच्चों को जिनका मेरिट के आधार पर जिन कक्षाओं में प्रवेश होता है उनकी शिक्षा को पूरा करने में कोर्स फीस में 50 प्रतिशत का अनुदान उन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद भी कोर्स पूरा करने तक जारी रहेगा। बैठक कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार की अध्यक्षता में हुई। इसमें वार्षिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट 2014-2015 को स्वीकृति दी गई। इसके पश्चात इसे विश्वविद्यालय कोर्ट की बैठक में स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। ईसी ने विश्वविद्यालय के वार्षिक प्रतिवेदन 2016-17 को भी स्वीकृति दी।
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दिसंबर तक वाईफाई सुविधा लैस होगा विवि
बैठक में विवि के सभी छात्र संगठनों के ज्ञापनों पर भी चर्चा हुई। विवि कैंपस को बाईफाई सुविधा से लैस करने के लिए कुलपति ने दिसंबर 2018 तक का आश्वासन दिया है। बैठक में शोधाíथयों से ली जा रही 800 रुपये फीस मामले को रिव्यू करने के लिए कमेटी गठित की गई। कमेटी डीन ऑफ स्टडीज की अध्यक्षता में बनाई गई है। बैठक में विश्वविद्यालय के प्रो वीसी प्रो. राजेंद्र ¨सह चौहान, बिलासपुर सदर से विधायक सुभाष ठाकुर, प्रो. एनके शारदा, उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत कुमार, विवि के रजिस्ट्रार केके शर्मा, उप-सचिव (शिक्षा) नवनीत कपूर, ईसी सदस्य प्रो. अजय श्रीवास्तव, श्याम लाल कौशल, प्रमोद कुमार, विपन कुमार आदि उपस्थित थे।
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वार्षिक परीक्षा प्रणाली लागू करने को स्वीकृति
ई.सी ने अकादमिक परिषद् की स्नातक कक्षाओं में रूसा सिस्टम को हटाकर वार्षिक प्रणाली में शैक्षणिक सत्र 2018-19 से लागू करने को स्वीकृति दी। खेल स्पर्धाओं में भाग लेने वाले छात्रों को उनके आने जाने का भत्ता देने की स्वीकृति दी गई।