- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: आरक्षण के चलते अटकी सैंकड़ों Govt Jobs, कहीं आपकी नौकरी पर भी तो खतरा नहीं? आरक्षण के चलते अटकी सैंकड़ों Govt Jobs, कहीं आपकी नौकरी पर भी तो खतरा नहीं?

आरक्षण के चलते अटकी सैंकड़ों Govt Jobs, कहीं आपकी नौकरी पर भी तो खतरा नहीं?

पिछड़ा वर्ग आरक्षण प्रदेश में भर्तियों के लिए गलफांस बन गए हैं। आरएएस की 2016 व 2018 की भर्तियां जहां इसके कारण अटकी हुई हैं, वहीं कई भर्तियों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है। आरएएस 2016 की भर्ती को लेकर राजस्थान लोक सेवा आयोग की अपील संशोधित परिणाम जारी करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जबकि आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा के परिणाम पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। दोनों में ही मुद्दा ओबीसी आरक्षण से जुड़ा हुआ है।
धौलपुर व भरतपुर के जाट जाति के अभ्यर्थियों को ओबीसी कोटे में नियुक्ति से जुड़ी कुछ भर्तियों के मामले भी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
भर्ती पूरी, लेकिन विवादों के चलते अटकी नौकरियां
लम्बित कनिष्ठ लिपिक 2011
भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश से चयन प्रक्रिया से बाहर हुए 200 से अधिक कर्मचारियों को नियमित करने का मामला अभी राज्य सरकार के पास विचाराधीन है। ये कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनको राज्य सरकार नियमित करने का निर्णय ले चुकी है।
कांस्टेबल भर्ती
भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन इस भर्ती से जुड़ी करीब 500 याचिका हाईकोर्ट में लम्बित हैं। इनमें से अधिकांश या तो भर्ती के तहत आयोजित दौड़ के दौरान बारिश आने से कीचड़ होने से जुड़े मामले को लेकर लम्बित हैं या फिर सीने की नाप से जुड़े विवाद को लेकर लम्बित हैं।
कॉलेज व्याख्याता 2015
श्रेष्ठ एकेडमिक रिकॉर्ड नहीं होने पर भर्ती से वंचित अभ्यर्थियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने परिणाम सीलबंद लिफाफे में रखने का आदेश दे रखा है। इससे करीब 50 पदों पर नियुक्ति शेष है। इनमें कुछ पद फंसे कनिष्ठ लेखाकार, शारीरिक शिक्षक, तकनीकी शिक्षा के व्याख्याता व स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कई भर्तियों के करीब 50 पद खाली हैं। इन भर्तियों को लेकर हाईकोर्ट में कानूनी मुद्दा यह लम्बित है कि अगस्त 2015 से अगस्त 2017 के बीच धौलपुर व भरतपुर के जाट जाति को ओबीसी आरक्षण नहीं था, ऐसे में इस दौरान धौलपुर व भरतपुर के जाट जाति के अभ्यर्थियों को ओबीसी आरक्षण नहीं दिए जाने का विवाद हाईकोर्ट में लम्बित है।
आरएएस भर्ती 2018
आरपीएससी ने 978 पदों के लिए भर्ती निकाली। इसकी प्रारम्भिक परीक्षा में ओबीसी की कटऑफ सामान्य से अधिक रही। अधिक कटऑफ के कारण मुख्य परीक्षा में शामिल होने से वंचित रहे ओबीसी अभ्यर्थियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने उनको मुख्य परीक्षा में शामिल करने का निर्देश दिया, लेकिन परिणाम जारी करने पर हाईकोर्ट की अंतरिम रोक है। मामला फिलहाल हाईकोर्ट में ही लम्बित है। आरएएस भर्ती 2018 के दो प्रश्नों के विवाद को लेकर आरपीएससी की अपील भी हाईकोर्ट की खण्डपीठ में लम्बित है।

आरएएस भर्ती 2016
आरपीएससी ने 725 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। एसबीसी का 5 प्रतिशत आरक्षण खत्म होने के बावजूद उन पदों को सामान्य वर्ग में शामिल नहीं करने को लेकर मानसी तिवाड़ी व अन्य ने याचिका दायर की। कोर्ट ने संशोधित परिणाम जारी करने कहा, जिसके खिलाफ आरपीएससी की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में लम्बित है। इसमें ओबीसी को अधिक पद मिलने का मुद्दा भी शामिल है। आबकारी विभाग के कोटे के 9 पदों पर हाईकोर्ट के आदेश से विभागीय कर्मचारियों के लिए विशेष परीक्षा का आयोजन हो चुका और साक्षात्कार हो चुके। वहीं, सरकार नियुक्ति प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दे पाई है।
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