मंगलवार को उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने सभी जिला
उपनिदेशकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर आदेशों का पालन करवाने को कहा।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को सादे लिबास में स्कूल आना चाहिए, जिससे बच्चों
का भी फैशन की ओर कम ध्यान जाए।
उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों का रोल मॉडल माना जाता है। बच्चे शिक्षकों को देखकर अपना व्यवहार बनाते हैं। ऐसे में शिक्षकों पर बड़ी जिम्मेवारी है कि बच्चों को सही दिशा में आगे बढ़ाएं।
उच्च शिक्षा निदेशक ने जिला उपनिदेशकों को शिक्षकों की भी स्कूलों में काउसंलिग करने को कहा। निदेशक ने कहा, बीते कुछ समय से स्कूलों में यौन शोषण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। कुछ शिक्षकों की कार्यप्रणाली के चलते सभी शिक्षकों को शर्मिंदा होना पड़ रहा है।
ऐसे में शिक्षकों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है। उन्होंने सभी शिक्षकों से खाली समय में लाइब्रेरी या स्टाफ रूम में बैठने की जगह स्कूल का निरीक्षण करने और बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा। स्कूल प्रिंसिपलों को भी नियमित तौर पर स्कूल कैंपस का निरीक्षण करने के निदेशक ने आदेश दिए हैं।
उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों का रोल मॉडल माना जाता है। बच्चे शिक्षकों को देखकर अपना व्यवहार बनाते हैं। ऐसे में शिक्षकों पर बड़ी जिम्मेवारी है कि बच्चों को सही दिशा में आगे बढ़ाएं।
उच्च शिक्षा निदेशक ने जिला उपनिदेशकों को शिक्षकों की भी स्कूलों में काउसंलिग करने को कहा। निदेशक ने कहा, बीते कुछ समय से स्कूलों में यौन शोषण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। कुछ शिक्षकों की कार्यप्रणाली के चलते सभी शिक्षकों को शर्मिंदा होना पड़ रहा है।
ऐसे में शिक्षकों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है। उन्होंने सभी शिक्षकों से खाली समय में लाइब्रेरी या स्टाफ रूम में बैठने की जगह स्कूल का निरीक्षण करने और बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा। स्कूल प्रिंसिपलों को भी नियमित तौर पर स्कूल कैंपस का निरीक्षण करने के निदेशक ने आदेश दिए हैं।