प्रदेश के जिन सरकारी स्कूलों में बीते छह माह से शिक्षकों के पद रिक्त
हैं, वहां स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के माध्यम से भर्तियां की
जाएंगी। कोर्ट केस के भ्रम में एसएमसी से भर्ती बंद हो गई थी, अब स्थिति
स्पष्ट होते ही उच्च शिक्षा निदेशालय ने दोबारा से रिक्त पदों पर एसएमसी से
शिक्षक भर्ती करने के आदेश जारी किए हैं। स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति तक
पढ़ाई सुचारु रखने के लिए एसएमसी से शिक्षक भर्ती होगी।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों से रिक्त पदों का ब्योरा भी तलब किया
है। दिसंबर 2018 में जयराम सरकार ने एसएमसी से शिक्षक भर्ती का फैसला लिया
था। शनिवार को जारी आदेशों में निदेशालय में स्पष्ट किया है कि प्रदेश के
सामान्य क्षेत्रों में जहां छह माह से रिक्त चल रहे शिक्षकों के पद एसएमसी
से भरे जाएंगे, वहीं जनजातीय क्षेत्रों में तीन माह से रिक्त चल रहे पदों
को एसएमसी से भरा जाएगा।
शिक्षा निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक जनवरी 2019 में एसएमसी से शिक्षक भर्ती करने की अधिसूचना जारी होने के बाद कुछ स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती हो गई। इसके बाद लोकसभा चुनाव के चलते लगी चुनाव आचार संहिता के दौरान भर्ती नहीं हुई। चुनाव संपन्न होने के बाद एसएमसी भर्ती का मामला कोर्ट पहुंचने के भ्रम ने अफसरों को उलझा दिया। अब जांच पड़ताल के बाद दोबारा से निदेशालय ने सभी जिला अधिकारियों को आदेश जारी कर शिक्षकों के रिक्त पदों को एसएमसी से भरने को कहा है।
शिक्षा निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक जनवरी 2019 में एसएमसी से शिक्षक भर्ती करने की अधिसूचना जारी होने के बाद कुछ स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती हो गई। इसके बाद लोकसभा चुनाव के चलते लगी चुनाव आचार संहिता के दौरान भर्ती नहीं हुई। चुनाव संपन्न होने के बाद एसएमसी भर्ती का मामला कोर्ट पहुंचने के भ्रम ने अफसरों को उलझा दिया। अब जांच पड़ताल के बाद दोबारा से निदेशालय ने सभी जिला अधिकारियों को आदेश जारी कर शिक्षकों के रिक्त पदों को एसएमसी से भरने को कहा है।