जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 200 शिक्षकों को जल्द ही पदोन्नति का तोहफा मिल सकता है। टीजीटी और प्रमोटी लेक्चरर को मुख्य अध्यापक और लेक्चरर को प्रधानाचार्य बनाया जाएगा। शिक्षा विभाग ने पदोन्नति के लिए पैनल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए 17 फरवरी तक स्कूलों से शिक्षकों के आवेदन मांगे गए हैं।
यह पहला मौका है जब साल के शुरू में ही शिक्षकों की पदोन्नति के लिए पैनल बनाया जा रहा है। फरवरी में पूरा पैनल तैयार हो जाएगा। इसमें यह पता लग जाएगा कि साल में वरिष्ठता के आधार पर कौन पदोन्नत होगा। फरवरी में पैनल तैयार होने के बाद शिक्षा विभाग स्कूलों से प्रधानाचार्य और मुख्य अध्यापकों के खाली पदों के मुताबिक मसौदा तैयार कर इसका प्रस्ताव विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) को भेजेगा। मार्च में पदोन्नति की सूची जारी हो जाएगी। इस पैनल को विभाग वेबसाइट पर ही अपलोड कर देगा ताकि प्रदेश भर के स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को वरिष्ठता सूची जानने के लिए निदेशालय के चक्कर न काटने पड़ें। शिक्षा विभाग पदोन्नति की प्रक्रिया में पहली बार यह बदलाव किया है।
प्रधानाचार्य और मुख्य अध्यापक के बाद जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी सहित अन्य श्रेणियों के लिए भी वरिष्ठता सूची तैयार की जाएगी। मार्च में इसे तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। इससे शिक्षक को यह पता रहेगा कि उसकी पदोन्नति कब होनी है। शिक्षा विभाग को भी इसका फायदा होगा। पदोन्नति के बाद जो पद खाली हो जाते हैं उसका पूरा अपडेट रहेगा।
निदेशक उच्चतर शिक्षा डा. अमरजीत शर्मा ने कहा कि प्रधानाचार्य और मुख्य अध्यापक के लिए वरिष्ठता सूची का पैनल तैयार किया जा रहा है। इसके लिए अभी आवेदन मांगे गए हैं।
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तीन शिक्षा उपनिदेशकों को मिली पदोन्नति
जागरण संवाददाता, शिमला : शिक्षा विभाग ने तीन उपनिदेशकों को पदोन्नति का तोहफा दिया है। इन्हें पदोन्नत कर संयुक्त निदेशक बनाया है। इनमें राजेश्वरी बत्ता, बलवंत सिंह और फौजा सिंह शामिल है। राजेश्वरी बत्ता को संयुक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा के पद पर शिक्षा निदेशालय में ही लगाया गया है। बलवंत सिंह संयुक्त निदेशक इंस्पेक्शन होंगे। फौजा सिंह को संयुक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा में तैनाती दी गई है। सचिव शिक्षा की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।