हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चार हजार शिक्षकों की भर्ती का मामला वित्त महकमे की आपत्तियों से फंस गया है। करीब एक माह बाद शिक्षा विभाग को कई आपत्तियां लगाकर वित्त महकमे ने फाइल लौटा दी है। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में अब शिक्षक भर्ती के प्रस्ताव के जाने के आसार बहुत कम हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट भाषण के दौरान चार हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी। शिक्षा विभाग ने जून में इस बाबत प्रस्ताव तैयार कर वित्त महकमे को मंजूरी के लिए भेजा था। प्र्रस्ताव के तहत सीधी भर्ती के अलावा कुछ पद बैचवाइज और कुछ पद पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने हैं। टीजीटी, जेबीटी, सीएंडवी, शास्त्री, भाषा अध्यापक, पैट, ड्रांइग शिक्षक, तबला प्रशिक्षक और कॉलेज प्रवक्ताओं के पद भरे जाने हैं।
पीईटी, ड्राइंग शिक्षकों और तबला प्रशिक्षकों की काफी समय के बाद भर्ती की जा रही है। प्रारंभिक शिक्षा के तहत टीजीटी, जेबीटी और सीएंडवी के करीब 2500 पद भरे जाने हैं। शेष पदों को उच्च शिक्षा के तहत भरा जाना है।
वित्त विभाग से मंजूरी मिलने पर मामले को मंत्रिमंडल से मंजूरी के लिए भेजा जाना था, लेकिन वित्त विभाग ने प्रस्ताव पर कई आपत्तियां लगा दी हैं। इन आपत्तियों को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग को समय लगेगा। ऐसे में शिक्षक भर्ती की तैयारियों में जुटे लोगों का इंतजार और बढ़ गया है।
8000 मल्टी टास्क वर्करों की भर्ती की नहीं लौटी फाइल
प्रदेश के स्कूलों में आठ हजार मल्टी टास्क वर्करों की भर्ती की फाइल वित्त महकमे से वापस नहीं आई है। भर्ती के नियम शिक्षा विभाग बीते वर्ष अधिसूचित कर चुका है। वित्त विभाग से फाइल नहीं लौटने के चलते यह मुख्यमंत्री की दूसरी बड़ी बजट घोषणा भी लटक गई है।