एसएमसी शिक्षकों की भत्र्ती रद्द न करने पर बढ़ा रोष, माफी मांगने की उठाई मांग
जिला संवाददाता- कांगड़ा
भ्रष्टाचार मुक्त हिमाचल का अलख जगाने वाले प्रदेश बेरोजगार संघ की वीडियो
कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपातकाल मीटिंग प्रदेश अध्यक्ष निर्मल धीमान
तथा जैसा वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय सिंह की अध्यक्षता में हुई।
जयराम ठाकुर। एक क्षेत्र विशेष के मुख्यमंत्री बनके रह गए हैं, वे कांगड़ा व हमीरपुर होना आदि जिलों के बेरोजगारों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। बेरोजगारों के पास इतने पैसे नहीं है कि वे शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री को महंगे महंगे तोहफे दे। संघ ने कहा कि प्रदेश हाई कोर्ट 14 अगस्त 2020 को 2555 ऐसे में से शिक्षकों की भर्तियां रद्द कर चुका है, परंतु सरकार माननीय हाईकोर्ट का फैसला निरस्त कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई एजहां 24 नवंबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट मैं भी सरकार तथा एसएमसी शिक्षकों की हार हुई, और सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए इन भर्तियों को रेगुलर शिक्षकों से हटाया जाए, परंतु बड़े दुर्भाग्य की बात है जयराम सरकार इन भर्तियों को रद्द करने के बजाय रेगुलर करने के लिए उल्टे सीधे हथकंडे अपना रही है। सरकार यह तर्क देती है कीजिए शिक्षक दुर्गम क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, परंतु सच्चाई यह है कि लोग अपने घरों के आसपास काम कर रहे हैं तथा एक आरटीआई के खुलासे के अनुसार 800 से अधिक शिक्षक नॉन ट्राइबल एरिया में काम कर रहे हैं, जो दरवाजे की भर्तियों के कारण आज 1999 तथा 2000 बैच के युवा अपनी नौकरी के इंतजार में बुढ़े हो चुके हैं।
संंघ के सदस्यों की प्रदेश सरकार को दोटूक
संघ के सभी सदस्य ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एसएम से भारतीयों को रेगुलर किया गया, तो 2022 में भारतीय जनता पार्टी के मिशन रिपीट को मिशन डिलीट करने में प्रदेश के बेरोजगार कोई कसर नहीं छोड़ेंगे तथा आने वाले उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी का सूपड़ा साफ किया जाएगा। मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री की शिकायत हिमाचल प्रदेश बेरोजगार संघ ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व केंद्रीय मंत्री अमित शाह को माननीय हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की एक-एक प्रति भेजकर कर दी है। तथा मांग की है कि प्रदेश मुख्यमंत्री को उनके पद से तुरंत हटाया जाए और माननीय हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना प्रदेश के शिक्षा विभाग में करवाई जाए।