राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्य सरकार ने हिमाचल में पहली बार निजी बीएड
कॉलेजों के लिए फीस तय कर दी है। पहले बीएड डिग्री की फीस एक साल के लिए 46
हजार रुपये थी। अब दो साल के बीएड कोर्स के लिए फीस 62870 रुपये होगी। फीस
तय होने से अब निजी बीएड कॉलेज संचालक मनमानी नहीं कर सकेंगे।
प्रदेश में जबसे बीएड दो साल की हुई थी, तबसे कई बीएड कॉलेज संचालक दो साल के लिए 46-46 हजार रुपये वसूल रहे हैं। अब छात्रों से दो साल में एक-एक किस्त के रूप में फीस वसूली जाएगी। पहले वर्ष 31950 रुपये व दूसरे वर्ष 30920 रुपये देने होंगे। दो साल की फीस में 50 हजार रुपये ट्यूशन फीस होगी। इस मामले पर हाल ही में प्रधान सचिव (शिक्षा) आरडी धीमान के साथ भी बैठक हुई थी जिसमें फीस पर चर्चा की गई थी। सोमवार को प्रस्तावित फीस की शिक्षा विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित निजी शिक्षण नियामक आयोग व निजी बीएड कॉलेज को इस संबंध में सूचित किया गया है। निजी बीएड कॉलेज संचालक छात्रों के साथ मनमानी न कर सकें, इसके लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है कि छात्रों को दो किस्तों में फीस देनी होगी। पहली किस्त एक साल में और दूसरी किस्त दूसरे साल में देने की व्यवस्था की गई है। कोई भी कॉलेज पूरी फीस एक साथ नहीं ले सकेगा। अगर किसी कॉलेज की ओर से छात्रों को पूरी फीस एक साथ देने के लिए मजबूर किया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश में जबसे बीएड दो साल की हुई थी, तबसे कई बीएड कॉलेज संचालक दो साल के लिए 46-46 हजार रुपये वसूल रहे हैं। अब छात्रों से दो साल में एक-एक किस्त के रूप में फीस वसूली जाएगी। पहले वर्ष 31950 रुपये व दूसरे वर्ष 30920 रुपये देने होंगे। दो साल की फीस में 50 हजार रुपये ट्यूशन फीस होगी। इस मामले पर हाल ही में प्रधान सचिव (शिक्षा) आरडी धीमान के साथ भी बैठक हुई थी जिसमें फीस पर चर्चा की गई थी। सोमवार को प्रस्तावित फीस की शिक्षा विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय सहित निजी शिक्षण नियामक आयोग व निजी बीएड कॉलेज को इस संबंध में सूचित किया गया है। निजी बीएड कॉलेज संचालक छात्रों के साथ मनमानी न कर सकें, इसके लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है कि छात्रों को दो किस्तों में फीस देनी होगी। पहली किस्त एक साल में और दूसरी किस्त दूसरे साल में देने की व्यवस्था की गई है। कोई भी कॉलेज पूरी फीस एक साथ नहीं ले सकेगा। अगर किसी कॉलेज की ओर से छात्रों को पूरी फीस एक साथ देने के लिए मजबूर किया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।