सरकारी स्कूलों में
25 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की इंक्रीमेंट बंद करने
की तैयारी शुरू हो गई है। लगातार तीन साल 25 फीसदी से कम परिणाम देने वाले
शिक्षकों पर शिकंजा कसने को शिक्षा विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है।
इसे मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव को
मंजूरी दे दी तो अगले साल से इंक्रीमेंट बंद होना शुरू हो जाएगी। इसके
अलावा शिक्षकों की एसीआर में भी कम परिणाम का रिकॉर्ड दर्ज करने की तैयारी
है।
प्रदेश में करीब 75 हजार शिक्षक सरकारी स्कूलों
में तैनात हैं। इनमें टीजीटी, पीजीटी, जेबीटी, सीएंडवी और प्रवक्ता शामिल
हैं। पहली से आठवीं तक कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षकों की एसीआर
विद्यार्थियों की ग्रेडिंग से तय होगी, जबकि नौवीं से जमा दो कक्षा को
पढ़ाने वाले शिक्षकों की एसीआर वार्षिक परीक्षा परिणाम के आधार पर तय होगी।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से तैयार प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि जिस भी शिक्षक का परीक्षा परिणाम लगातार तीन साल तक 25 फीसदी से कम रहा होगा, उनकी एसीआर में भी इसकी जानकारी दी जाएगी। एसीआर में एक अन्य कॉलम बनाकर अनिवार्य तौर पर परीक्षा परिणाम का भी उल्लेख किया जाएगा। इस व्यवस्था को लागू करने से भविष्य में यह जानना आसान होगा कि किस शिक्षक की क्या परफार्मेंस रही है। परीक्षा परिणाम में सुधार नहीं लाने वाले शिक्षकों की भी इससे पहचान हो सकेगी।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से तैयार प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि जिस भी शिक्षक का परीक्षा परिणाम लगातार तीन साल तक 25 फीसदी से कम रहा होगा, उनकी एसीआर में भी इसकी जानकारी दी जाएगी। एसीआर में एक अन्य कॉलम बनाकर अनिवार्य तौर पर परीक्षा परिणाम का भी उल्लेख किया जाएगा। इस व्यवस्था को लागू करने से भविष्य में यह जानना आसान होगा कि किस शिक्षक की क्या परफार्मेंस रही है। परीक्षा परिणाम में सुधार नहीं लाने वाले शिक्षकों की भी इससे पहचान हो सकेगी।