जेएनएन, शिमला: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में
31 मार्च के बाद करीब चार हजार स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) शिक्षक बच्चों
को नहीं पढ़ा पाएंगे। लंबे समय से अनुबंध नीति के इंतजार में बैठे पीरियड
बेस एसएमसी शिक्षको का शैक्षणिक सत्र 2017-18 के लिए एक साल का अनुबंध
प्रदेश सरकार ने रिन्यू नहीं किया है।
प्रदेश के स्कूलों में पढ़ा रहे करीब चार हजार एसएमसी शिक्षक 31 मार्च के बाद सड़क पर आ जाएंगे। ग्रीष्मकालीन स्कूलों में तैनात इन शिक्षकों का अनुबंध भी समाप्त हो जाएगा। शीतकालीन स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षको का अनुबंध दिसंबर में ही समाप्त हो गया है। ऐसे में 13 फरवरी को शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद करीब 2500 शिक्षक पहले ही स्कूल नहीं जा रहे है। शिक्षा विभाग ने 13 फरवरी से खुले स्कूलों में किताबें तो पहुंचा दीं लेकिन इन्हें पढ़ाने वाले शिक्षको की कमी हो गई है।
सरकारी स्कूलों में तीन मार्च से परीक्षाएं आरंभ हो रही है और वहां पर आंतरिक मूल्यांकन करने वाला भी कोई शिक्षक नहीं है। ऐसे में गुणवता को लेकर भी भी सवाल उठने लगे है क्योंकि स्कूल में तैनात दूसरे विषय के अध्यापक आतंरिक मूल्यांकन करेंगे। इस विषय पर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से बात की तो उन्होंने भी इस विषय पर कुछ कहने से पल्ला झाड़ लिया। सरकार हर साल शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही एसएमसी शिक्षको के अनुबंध का नवीनीकरण करती आ रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश सरकार ने स्कूल में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद भी नवीनीकरण नहीं किया है। शिक्षको के साथ शिक्षा निदेशालय हर साल अनुबंध करता है। एसएमसी के तहत नियुक्त जेबीटी शिक्षक को 3500 रुपये, टीजीटी को छह हजार रुपये व सीएंडवी शिक्षक को 4500 रुपये मानदेय मिलता है।
प्रदेश के स्कूलों में पढ़ा रहे करीब चार हजार एसएमसी शिक्षक 31 मार्च के बाद सड़क पर आ जाएंगे। ग्रीष्मकालीन स्कूलों में तैनात इन शिक्षकों का अनुबंध भी समाप्त हो जाएगा। शीतकालीन स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षको का अनुबंध दिसंबर में ही समाप्त हो गया है। ऐसे में 13 फरवरी को शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद करीब 2500 शिक्षक पहले ही स्कूल नहीं जा रहे है। शिक्षा विभाग ने 13 फरवरी से खुले स्कूलों में किताबें तो पहुंचा दीं लेकिन इन्हें पढ़ाने वाले शिक्षको की कमी हो गई है।
सरकारी स्कूलों में तीन मार्च से परीक्षाएं आरंभ हो रही है और वहां पर आंतरिक मूल्यांकन करने वाला भी कोई शिक्षक नहीं है। ऐसे में गुणवता को लेकर भी भी सवाल उठने लगे है क्योंकि स्कूल में तैनात दूसरे विषय के अध्यापक आतंरिक मूल्यांकन करेंगे। इस विषय पर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से बात की तो उन्होंने भी इस विषय पर कुछ कहने से पल्ला झाड़ लिया। सरकार हर साल शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही एसएमसी शिक्षको के अनुबंध का नवीनीकरण करती आ रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश सरकार ने स्कूल में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद भी नवीनीकरण नहीं किया है। शिक्षको के साथ शिक्षा निदेशालय हर साल अनुबंध करता है। एसएमसी के तहत नियुक्त जेबीटी शिक्षक को 3500 रुपये, टीजीटी को छह हजार रुपये व सीएंडवी शिक्षक को 4500 रुपये मानदेय मिलता है।