ब्यूरो/अमर उजाला, शिमला हिमाचल के सरकारी स्कूलों में कार्यरत हजारों पीटीए, पैट और एसएमसी शिक्षकों और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए यह राहत भरी खबर है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि इन शिक्षकों और कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित किया जाएगा।
इसके लिए कोर्ट के निर्देशों व नियमों के तहत सरकार कोई न कोई रास्ता निकाल रही है। लंबे समय से कार्यरत इन अध्यापकों और कर्मचारियों का शोषण नहीं होने दिया जाएगा। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इन शिक्षकों के साथ अन्याय होता रहा है।
इन शिक्षकों और कर्मचारियों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता। ये कर्मचारी चाहे किसी भी सरकार के कार्यकाल में लगे हों, नियमों के तहत सबकी सेवाओं को नियमित करने का प्रयास किया जाएगा। एक अनुपूरक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि पीटीए, पैट और एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति में अगर रोस्टर लागू करने में कोई कमी रह गई होगी तो उसे बैकलॉग से पूरा किया जाएगा।
जहां तक आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी की बात है तो इसके लिए बजट का इंतजार करें। सब कुछ सामने आने वाला है। उन्होंने कहा कि अगर कोई गलत कार्य करता है तो उसके लिए कोर्ट है।
इसके लिए कोर्ट के निर्देशों व नियमों के तहत सरकार कोई न कोई रास्ता निकाल रही है। लंबे समय से कार्यरत इन अध्यापकों और कर्मचारियों का शोषण नहीं होने दिया जाएगा। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इन शिक्षकों के साथ अन्याय होता रहा है।
इन शिक्षकों और कर्मचारियों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता। ये कर्मचारी चाहे किसी भी सरकार के कार्यकाल में लगे हों, नियमों के तहत सबकी सेवाओं को नियमित करने का प्रयास किया जाएगा। एक अनुपूरक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि पीटीए, पैट और एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति में अगर रोस्टर लागू करने में कोई कमी रह गई होगी तो उसे बैकलॉग से पूरा किया जाएगा।
जहां तक आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी की बात है तो इसके लिए बजट का इंतजार करें। सब कुछ सामने आने वाला है। उन्होंने कहा कि अगर कोई गलत कार्य करता है तो उसके लिए कोर्ट है।