परागपुर : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) न होने से बेरोजगार पंजाबी भाषा
शिक्षकों में रोष है। वर्ष 2015 में राज्य सरकार ने हिमाचल में भी पंजाबी
भाषा के शिक्षक नियुक्त करने का निर्णय लिया था।
इस संदर्भ में कई बेरोजगारों जो पंजाबी शिक्षक बनने की विभागीय पात्रता को पूरा करते थे, ने टेट के लिए 2015 में ही आवेदन पत्र भरे थे, लेकिन आज तक उनका टेट नहीं हो सका है। इस कारण उनमें रोष है। पात्र युवा सुशील चढ्डा व शाम लाल चड्ढा ने बताया कि वर्ष 2015 में उन्होंने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में चालान के माध्यम से आठ सौ रुपये का शुल्क व 30 रुपये अतिरिक्त शुल्क सहित कुल आठ सौ 30 रुपये अक्टूबर 2015 में जमा करवाए। इसकी टेट परीक्षा वर्ष 2017 में होनी थी, लेकिन आज तक परीक्षा न होने से वे निराश हैं। इन्होंने कहा कि जब परीक्षा ही नहीं लेनी थी तो बेरोजगारों से राशि क्यों ली गई। उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से माग की है कि विभाग को परीक्षा आयोजित करवाने के आदेश दिएं जाएं या उनका परीक्षा शुल्क ब्याज सहित वापस किया जाए।
इस संदर्भ में कई बेरोजगारों जो पंजाबी शिक्षक बनने की विभागीय पात्रता को पूरा करते थे, ने टेट के लिए 2015 में ही आवेदन पत्र भरे थे, लेकिन आज तक उनका टेट नहीं हो सका है। इस कारण उनमें रोष है। पात्र युवा सुशील चढ्डा व शाम लाल चड्ढा ने बताया कि वर्ष 2015 में उन्होंने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में चालान के माध्यम से आठ सौ रुपये का शुल्क व 30 रुपये अतिरिक्त शुल्क सहित कुल आठ सौ 30 रुपये अक्टूबर 2015 में जमा करवाए। इसकी टेट परीक्षा वर्ष 2017 में होनी थी, लेकिन आज तक परीक्षा न होने से वे निराश हैं। इन्होंने कहा कि जब परीक्षा ही नहीं लेनी थी तो बेरोजगारों से राशि क्यों ली गई। उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से माग की है कि विभाग को परीक्षा आयोजित करवाने के आदेश दिएं जाएं या उनका परीक्षा शुल्क ब्याज सहित वापस किया जाए।