पीटीए शिक्षक संघर्ष
मंच और पीटीए अनुबंध शिक्षक संघ ने विधानसभा गेट के बाहर प्रदर्शन कर सरकार
से अपना वादा निभाने की गुहार लगाई। शिमला पहुंचे सैकड़ों शिक्षकों ने
वादा निभाओ रैली निकाल कर शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग उठाई। शिक्षकों
ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि उन्होंने सत्ता पर काबिज होते ही शिक्षकों
को नियमित करने का वादा किया था लेकिन सरकार के साढ़े
चार साल का कार्यकाल पूरा होने के
बाद भी शिक्षक नियमित नहीं हुए हैं। प्रदेश पीटीए शिक्षक संघर्ष मंच के
अध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि 5500 अनुबंध पीटीए अध्यापकों को अगस्त 2013
में विधानसभा में नियमित करने का मुख्यमंत्री ने एलान किया था। इसमें
सरकार ने कहा था कि पीटीए अध्यापकों को डेढ़ वर्ष के अनुबंध के बाद नियमित
किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने साल 2012 में सत्ता में आते ही इन्हें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन साढ़े चार साल बाद इसे पूरा नहीं किया है। पीटीए अनुबंध शिक्षक संघ के अध्यक्ष बोविल ठाकुर ने कहा कि सरकार को चुनावी साल में शिक्षकों को नियमितीकरण का तोहफा देना चाहिए।
बीते तीन साल से लगातार शिक्षक इस मांग को उठा रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। मुख्यमंत्री को इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए अपने वादे को पूरा करना चाहिए। प्रदर्शन के बाद शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा में जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को कहा कि वह इस मामले से अवगत हैं। सरकार इस मामले पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री से सकारात्मक आश्वासन नहीं मिलने से शिक्षक संघ में निराशा है। शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री की बात से वह संतुष्ट नहीं है। जल्द ही बैठक कर आगामी फैसला लेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने साल 2012 में सत्ता में आते ही इन्हें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन साढ़े चार साल बाद इसे पूरा नहीं किया है। पीटीए अनुबंध शिक्षक संघ के अध्यक्ष बोविल ठाकुर ने कहा कि सरकार को चुनावी साल में शिक्षकों को नियमितीकरण का तोहफा देना चाहिए।
बीते तीन साल से लगातार शिक्षक इस मांग को उठा रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। मुख्यमंत्री को इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए अपने वादे को पूरा करना चाहिए। प्रदर्शन के बाद शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा में जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को कहा कि वह इस मामले से अवगत हैं। सरकार इस मामले पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री से सकारात्मक आश्वासन नहीं मिलने से शिक्षक संघ में निराशा है। शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री की बात से वह संतुष्ट नहीं है। जल्द ही बैठक कर आगामी फैसला लेंगे।