हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
ने राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के फैसले को यथावत रखा और कंप्यूटर शिक्षक
भर्ती मामले में प्रदेश सरकार को कोई राहत नहीं दी. प्रदेश सरकार ने
कंप्यूटर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर ट्रिब्यूनल के रोक के फैसले को
हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों के लिए 1192 कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती सीधे साक्षात्कार के जरिए करने का निर्णय लिया था. जिसके लिए साक्षात्कार भी शुरू हो चुका था लेकिन साक्षात्कार प्रक्रिया को याचिकाकर्ता ने ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी. 16 सितंबर को टिब्यूनल में सुनवाई के बाद साक्षात्कार पर रोक लगा दी थी और प्रदेश सरकार को जवाब पेश करने को कहा था.
प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती देते याचिका दायर की, मामले में शुक्रवार को डबल बैंच में सुनवाई हुई. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करौल और जस्टिस अजय मोहन गोयल की अदालत ने कंप्यूटर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर हैरानी जताई और कहा कि राज्य लोक सेवा आयोग की बजाए शिक्षा बोर्ड के निदेशालय द्धारा भर्ती करवाना अपने आप में हैरान करने वाली बात है.
प्रदेश सरकार की ओर से महाअधिवक्ता ने पक्ष रखा और करीब दो घंटे चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने 10 अक्टूबर को ट्रिब्यूनल में होने वाली सुनवाई के फैसले का इंतजार करने का फैसला सुनाया.
प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों के लिए 1192 कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती सीधे साक्षात्कार के जरिए करने का निर्णय लिया था. जिसके लिए साक्षात्कार भी शुरू हो चुका था लेकिन साक्षात्कार प्रक्रिया को याचिकाकर्ता ने ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी. 16 सितंबर को टिब्यूनल में सुनवाई के बाद साक्षात्कार पर रोक लगा दी थी और प्रदेश सरकार को जवाब पेश करने को कहा था.
प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती देते याचिका दायर की, मामले में शुक्रवार को डबल बैंच में सुनवाई हुई. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करौल और जस्टिस अजय मोहन गोयल की अदालत ने कंप्यूटर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर हैरानी जताई और कहा कि राज्य लोक सेवा आयोग की बजाए शिक्षा बोर्ड के निदेशालय द्धारा भर्ती करवाना अपने आप में हैरान करने वाली बात है.
प्रदेश सरकार की ओर से महाअधिवक्ता ने पक्ष रखा और करीब दो घंटे चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने 10 अक्टूबर को ट्रिब्यूनल में होने वाली सुनवाई के फैसले का इंतजार करने का फैसला सुनाया.