पीजीटी (आईपी) के 1191 पद भरने पर प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की रोक के खिलाफ
हिमाचल सरकार ने हाईकोर्ट में दस्तक दी है. वीरवार को शिक्षा विभाग ने
हाईकोर्ट में याचिका डाली है.
ट्रिब्यूनल के चेयरमैन वीके शर्मा और प्रशासनिक सदस्य प्रेम सिंह की खंडपीठ ने भर्ती प्रक्रिया पर स्टे के आदेश जारी किए थे. साथ ही तीन सप्ताह में सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. 10 अक्तूबर को मामले पर फिर सुनवाई होनी है.
ये आपत्ति लगाई थी प्रार्थी ने
याचिकाकर्ता रविंद्रर कुमार ने ट्रिब्यूनल से भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की गुहार लगाई थी. प्रार्थी ने नियमों को दरकिनार करने का आरोप लगाया था. प्रार्थी के अनुसार भर्ती में केवल साक्षात्कार को ही आधार बनाया गया है जबकि क्लास थ्री जॉब के लिए सरकार ने साक्षात्कार समाप्त कर दिए है. साथ ही पांच साल का बतौर शिक्षक अनुभव मांगना भी तर्कसंगत नहीं है.
ये है मामला
प्रदेश सरकार ने 1191 कंम्प्यूटर शिक्षक पद सीधे साक्षात्कार से भरने का फैसला लिया था, 14 सितंबर से साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी थी. लेकिन साक्षात्कार के एक दिन बाद ही मामला ट्रिब्यूनल में चला गया और याचिकाकर्ता ने कोर्ट भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की गुहार लगाई थी. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए भर्ती पर रोक लगाने का फैसला सुनाया.
प्रदेश सरकार ने आउटसोर्सिंग पर नियुक्त कंप्यूटर शिक्षकों को विभाग में समायोजित करने के लिए नए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाकर साक्षात्कार से पीजीटी (आईपी) भर्ती का फैसला लिया है.
बीते दिनों उच्च शिक्षा निदेशालय में भर्ती प्रक्रिया के तहत करीब 1700 पंजीकरण किए और 500 से अधिक साक्षात्कार लिए थे. इस बीच ट्रिब्यूनल में याचिका दायर कर भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी.
ट्रिब्यूनल के चेयरमैन वीके शर्मा और प्रशासनिक सदस्य प्रेम सिंह की खंडपीठ ने भर्ती प्रक्रिया पर स्टे के आदेश जारी किए थे. साथ ही तीन सप्ताह में सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. 10 अक्तूबर को मामले पर फिर सुनवाई होनी है.
ये आपत्ति लगाई थी प्रार्थी ने
याचिकाकर्ता रविंद्रर कुमार ने ट्रिब्यूनल से भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की गुहार लगाई थी. प्रार्थी ने नियमों को दरकिनार करने का आरोप लगाया था. प्रार्थी के अनुसार भर्ती में केवल साक्षात्कार को ही आधार बनाया गया है जबकि क्लास थ्री जॉब के लिए सरकार ने साक्षात्कार समाप्त कर दिए है. साथ ही पांच साल का बतौर शिक्षक अनुभव मांगना भी तर्कसंगत नहीं है.
ये है मामला
प्रदेश सरकार ने 1191 कंम्प्यूटर शिक्षक पद सीधे साक्षात्कार से भरने का फैसला लिया था, 14 सितंबर से साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी थी. लेकिन साक्षात्कार के एक दिन बाद ही मामला ट्रिब्यूनल में चला गया और याचिकाकर्ता ने कोर्ट भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की गुहार लगाई थी. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए भर्ती पर रोक लगाने का फैसला सुनाया.
प्रदेश सरकार ने आउटसोर्सिंग पर नियुक्त कंप्यूटर शिक्षकों को विभाग में समायोजित करने के लिए नए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाकर साक्षात्कार से पीजीटी (आईपी) भर्ती का फैसला लिया है.
बीते दिनों उच्च शिक्षा निदेशालय में भर्ती प्रक्रिया के तहत करीब 1700 पंजीकरण किए और 500 से अधिक साक्षात्कार लिए थे. इस बीच ट्रिब्यूनल में याचिका दायर कर भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी.