राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को
कंप्यूटर का ज्ञान दे रहे शिक्षकों ने नाइलिट कंपनी पर सरकारी अवकाश और
गर्मियों व सर्दियों की छुट्टियों के पैसे न देने का आरोप लगाया है।
कंप्यूटर शिक्षक संगठन के अध्यक्ष हेतराम व पदाधिकारी राजेश शर्मा, अश्वनी व अमित ने कहा कि प्रदेश सरकार व नाइलिट कंपनी में वर्ष 2013 में एमओयू साइन हुआ था। उसके बाद से एमओयू साइन नहीं किया गया। हर साल एमओयू साइन किया जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा सरकारी अवकाश और गर्मियों व सर्दियों के अवकाश के पैसे नहीं दिए जा रहे हैं जबकि एमओयू में ऐसी शर्त नहीं थी। जनवरी से कई कंप्यूटर शिक्षकों को सरकारी अवकाश के पैसे नहीं दिए गए हैं। कंप्यूटर शिक्षक जल्द नाइलिट कंपनी के शिमला स्थित कार्यालय का घेराव करेंगे। राजेश ने कहा कि कंपनी को केवल शिक्षकों को वेतन देने के लिए कमीशन दी जा रही है। कंपनी न तो स्कूलों में कंप्यूटरों की मरम्मत करवाती है और न ही किसी अन्य काम पर पैसा खर्च करती है। कंप्यूटर शिक्षकों से गैर शिक्षकों जैसा बर्ताव किया जा रहा है। प्रदेश में करीब 1400 कंप्यूटर शिक्षक सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक से मिले पैसा काटने के निर्देश
कंपनी ने कंप्यूटर शिक्षकों का पैसा मनमर्जी से नहीं काटा है। उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक ने पत्र में अवकाश का पैसा काटने को कहा है। सरकारी स्कूलों में तैनात प्रिंसिपलों द्वारा लगाई गई कंप्यूटर शिक्षकों की उपस्थिति के आधार पर वेतन जारी किया जाता है। कंप्यूटर शिक्षकों के आरोप निराधार हैं। कंपनी का ऑडिट कैग करता है और कोई गड़बड़ी नहीं है। हर साल अनुबंध रिन्यू करवाया जाता है। कंप्यूटर शिक्षकों को 12500 रुपये से लेकर 15000 रुपये तक वेतन दिया जा रहा है।
राजीव अग्रवाल, निदेशक, नाइलिट कंपनी, शिमला कार्यालय
कंप्यूटर शिक्षक संगठन के अध्यक्ष हेतराम व पदाधिकारी राजेश शर्मा, अश्वनी व अमित ने कहा कि प्रदेश सरकार व नाइलिट कंपनी में वर्ष 2013 में एमओयू साइन हुआ था। उसके बाद से एमओयू साइन नहीं किया गया। हर साल एमओयू साइन किया जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा सरकारी अवकाश और गर्मियों व सर्दियों के अवकाश के पैसे नहीं दिए जा रहे हैं जबकि एमओयू में ऐसी शर्त नहीं थी। जनवरी से कई कंप्यूटर शिक्षकों को सरकारी अवकाश के पैसे नहीं दिए गए हैं। कंप्यूटर शिक्षक जल्द नाइलिट कंपनी के शिमला स्थित कार्यालय का घेराव करेंगे। राजेश ने कहा कि कंपनी को केवल शिक्षकों को वेतन देने के लिए कमीशन दी जा रही है। कंपनी न तो स्कूलों में कंप्यूटरों की मरम्मत करवाती है और न ही किसी अन्य काम पर पैसा खर्च करती है। कंप्यूटर शिक्षकों से गैर शिक्षकों जैसा बर्ताव किया जा रहा है। प्रदेश में करीब 1400 कंप्यूटर शिक्षक सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक से मिले पैसा काटने के निर्देश
कंपनी ने कंप्यूटर शिक्षकों का पैसा मनमर्जी से नहीं काटा है। उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक ने पत्र में अवकाश का पैसा काटने को कहा है। सरकारी स्कूलों में तैनात प्रिंसिपलों द्वारा लगाई गई कंप्यूटर शिक्षकों की उपस्थिति के आधार पर वेतन जारी किया जाता है। कंप्यूटर शिक्षकों के आरोप निराधार हैं। कंपनी का ऑडिट कैग करता है और कोई गड़बड़ी नहीं है। हर साल अनुबंध रिन्यू करवाया जाता है। कंप्यूटर शिक्षकों को 12500 रुपये से लेकर 15000 रुपये तक वेतन दिया जा रहा है।
राजीव अग्रवाल, निदेशक, नाइलिट कंपनी, शिमला कार्यालय