शिमला:हिमाचल प्रदेश के
शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादलों का सिलसिला एेसे ही जारी रहेगा।
क्योंकि शिक्षक संगठनों के विरोध के चलते सरकार ने तबादला एक्ट को ठंडे
बस्ते में डाल दिया है। अब पुरानी नीति के तहत ही शिक्षकों के तबादले किए
जाएंगे।
गौरतलब है कि 2 माह के दौरान एक्ट बनाने के लिए कई प्रक्रियाओं से
गुजर चुकी सरकार अब इस एक्ट को लेकर बैकफुट पर आ गई है। वहीं शिक्षा मंत्री
सुरेश भारद्वाज का कहना है कि प्रदेश में शिक्षकों के तबादले करने के लिए
जरूरी नहीं है कि एक्ट ही बनाया जाए। इसके लिए कोई नीति या ऑफिस ऑर्डर भी
तैयार किया जा सकता है। फिलहाल नई नीति बनने तक पुरानी नीति ही लागू रहेगी।
दरअसल सत्ता में आते ही शिक्षा मंत्री ने सार्वजनिक तौर पर भाजपा शासित
अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में भी शिक्षकों के तबादले करने के लिए
एक्ट बनाने का एलान किया था। इसके लिए शिक्षा विभाग बाकायदा प्रस्ताव भी
तैयार कर चुका था।
विभागीय अधिकारी कुछ कहने से गुरेज कर रहे
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की कंपनी से तबादले करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाने की बात भी हो चुकी थी। यही नहीं, हिमाचल सरकार हरियाणा का मॉडल भी स्टडी कर चुकी थी। तबादले करने के लिए एक्ट या नीति कब तैयार होगी, इसको लेकर कोई भी विभागीय अधिकारी कुछ भी कहने से गुरेज कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि तबादले ऑनलाइन तरीके से करने के लिए एक्ट बनाने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग के 100 दिन के एजेंडे में शामिल था, लेकिन शिक्षा मंत्री के बैकफुट पर आने के चलते उक्त प्रस्ताव तक अधर में लटकता नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की कंपनी से तबादले करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाने की बात भी हो चुकी थी। यही नहीं, हिमाचल सरकार हरियाणा का मॉडल भी स्टडी कर चुकी थी। तबादले करने के लिए एक्ट या नीति कब तैयार होगी, इसको लेकर कोई भी विभागीय अधिकारी कुछ भी कहने से गुरेज कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि तबादले ऑनलाइन तरीके से करने के लिए एक्ट बनाने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग के 100 दिन के एजेंडे में शामिल था, लेकिन शिक्षा मंत्री के बैकफुट पर आने के चलते उक्त प्रस्ताव तक अधर में लटकता नजर आ रहा है।