हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : स्कूलों में सामान खरीददारी पर प्रदेश सरकार को अभी तक शिक्षा विभाग उनके द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दे पाया है।
पांच माह पहले प्रदेश सरकार की ओर से विभाग से यह जवाब मांगा गया था कि स्कूलों में चार वर्ष से सामान की खरीद के कितने टेंडर हुए और कौन से सामान सरकार की एजेंसियों के जरिए खरीदा गया था? जानकारी के मुताबिक प्रदेश शिक्षा विभाग की ओर से उपनिदेशकों को इस बारे में रिकॉर्ड जल्द सौंपने के लिए कहा था, लेकिन विभाग को सभी जिलों से जवाब नहीं आने को लेकर यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार को अभी तक नहीं मिल पाई है।
अब सूचना है कि प्रदेश सरकार ने विभाग से दोबारा स्कूलों के लिए हुई खरीददारी का रिकॉर्ड मांगा है। गौर हो कि प्रदेश सरकार को स्कूलों में सामान खरीद में पारदर्शिता नहीं बरतने को लेकर कई स्कूलों की मौखिक शिकायत की गई है। हालांकि इस तरह के कई केस में जांच भी चल रही है। प्रदेश सरकार ने बीते चार साल के रिकॉर्ड को खंगालने के बारे में कहा था। सवाल ये उठे थे कि कई सरकारी एजेंसियों से जो खरीददारी की जा रही है। वह कई स्कूलों ने बाजार के रेट से भी बहुत ज्यादा महंगी खरीद थी।
इसमें कई मामलों में बाजार की स्थिति का भी मूल्यांकन करने के निर्देश दिए गए थे। अब विभाग को सभी जिलों से खरीददारी का रिकॉर्ड नहीं आने को लेकर प्रारंभिक शिक्षा विभाग भी प्रदेश सरकार को इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कर पा रहा है। अभी हाल ही में कुल्लू के स्कूलों में भी हुई खरीददारी पर लगे आरोप में जांच रिपोर्ट भी पूरी हो गई है। इसमें गड़बड़ी की पुष्टि भी हो गई है। इस देखते हुए अब दोबारा से प्रदेश सरकार ने स्कूलों में खरीददारी की रिपोर्ट जल्द सौंपने को कहा है।
पांच माह पहले प्रदेश सरकार की ओर से विभाग से यह जवाब मांगा गया था कि स्कूलों में चार वर्ष से सामान की खरीद के कितने टेंडर हुए और कौन से सामान सरकार की एजेंसियों के जरिए खरीदा गया था? जानकारी के मुताबिक प्रदेश शिक्षा विभाग की ओर से उपनिदेशकों को इस बारे में रिकॉर्ड जल्द सौंपने के लिए कहा था, लेकिन विभाग को सभी जिलों से जवाब नहीं आने को लेकर यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार को अभी तक नहीं मिल पाई है।
अब सूचना है कि प्रदेश सरकार ने विभाग से दोबारा स्कूलों के लिए हुई खरीददारी का रिकॉर्ड मांगा है। गौर हो कि प्रदेश सरकार को स्कूलों में सामान खरीद में पारदर्शिता नहीं बरतने को लेकर कई स्कूलों की मौखिक शिकायत की गई है। हालांकि इस तरह के कई केस में जांच भी चल रही है। प्रदेश सरकार ने बीते चार साल के रिकॉर्ड को खंगालने के बारे में कहा था। सवाल ये उठे थे कि कई सरकारी एजेंसियों से जो खरीददारी की जा रही है। वह कई स्कूलों ने बाजार के रेट से भी बहुत ज्यादा महंगी खरीद थी।
इसमें कई मामलों में बाजार की स्थिति का भी मूल्यांकन करने के निर्देश दिए गए थे। अब विभाग को सभी जिलों से खरीददारी का रिकॉर्ड नहीं आने को लेकर प्रारंभिक शिक्षा विभाग भी प्रदेश सरकार को इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कर पा रहा है। अभी हाल ही में कुल्लू के स्कूलों में भी हुई खरीददारी पर लगे आरोप में जांच रिपोर्ट भी पूरी हो गई है। इसमें गड़बड़ी की पुष्टि भी हो गई है। इस देखते हुए अब दोबारा से प्रदेश सरकार ने स्कूलों में खरीददारी की रिपोर्ट जल्द सौंपने को कहा है।