हिमाचल के सरकारी स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षक अब नियमित शिक्षकों की भर्ती में रोड़ा बन गए हैं। दरअसल शिक्षा विभाग की ओर से पिछले वर्ष भाषा अध्यापकों के लिए काउंसिलिंग करवाई गई, लेकिन उसका
रिजल्ट अभी तक नहीं निकाला गया। जिस वजह से 150 के करीब भाषा अध्यापकों की प्रक्रिया रुक गई है। शिक्षा विभाग की ओर से इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि अधिकतर स्कूलों में एसएमसी शिक्षक पहले से ही तैनात हैं। ऐसे में उनकी जगह पर कैसे नियमित शिक्षकों को भेजा जाए, यह थोड़ा असमंजस की स्थिति है। हालांकि प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले को सुलझाने के लिए कार्य किया जा रहा है।वहीं अगस्त तक बैचवाइज काउंसिलिंग का रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। बता दें कि पिछले वर्ष अक्तूबर व नवंबर में भाषा अध्यापकों की काउंसिलिंग करवाई गई थी। उसके बाद से अभी तक बेरोजगार युवा इंतजार कर रहे हैं कि उनका रिजल्ट घोषित हो, लेकिन लंबी जद्दोजहद के बावजूद अभी तक रिजल्ट नहीं निकाला गया। इस वजह से काउंसिलिंग में हिस्सा लेने वाले अभ्यर्थियों का गुस्सा सरकार व विभाग पर उतरने लगा है। उधर, शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में लगे एसएमसी शिक्षकोंं को भी नहीं निकाल सकता। वहीं, सरकारी स्कूलों में भाषा अध्यापकों के पद अधिक संख्या में खाली नहीं हैं। फिलहाल काउंसिलिंग में हिस्सा लेने वाले अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि जब हर जिला में आज तक भाषा अध्यापकों की काउंसिलिंग अलग-अलग समय में होती आई है, तो उनका रिजल्ट अलग-अलग टाइम पर क्यों नही निकाला जाता है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि चंबा जिला में छह और सात अक्तूबर को भाषा अध्यापक की काउंसिलिंग करवाई गई थी, तो आठ महीने से यह रिजल्ट क्यों नहीं निकाला गया है। वहीं, कुल्लू जिला में इसका रिजल्ट कैसे निकाल दिया गया।
भाषा अध्यापकों के रिजल्ट की प्रक्रिया जारी है। जल्द इस मामले में आने वाली अड़चनों को दूर कर दिया जाएगा
पंकज ललित, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग