शिमला, विधि संवाददाता। Himachal JBT Teachers Bharti, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) टीचर भर्ती मामले में बिना जेबीटी टेट के बीएड डिग्रीधारकों को कोई राहत नहीं मिली। न्यायाधीश
तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद प्रदेश सरकार से दो सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया। मामले के अनुसार हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों में जेबीटी शिक्षकों के 617 पदों के लिए सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी और हाल ही में इनका परिणाम घोषित किया था। पूरी परीक्षा में 613 शिक्षक ही शैक्षणिक योग्यता पूरी करने वाले पाए गए। 1135 बीएड डिग्रीधारकों को इन पदों के खिलाफ इसलिए कंसीडर नहीं किया गया, क्योंकि उन्होंने जेबीटी टेट उत्तीर्ण नहीं किया था।कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर और शिक्षा विभाग के अनुसार नियमों के तहत जेबीटी शिक्षक भर्ती के लिए जेबीटी टेट उत्तीर्ण होना अनिवार्य था। प्रार्थियों का कहना था कि उन्हें जेबीटी टेट में बैठने की अनुमति नहीं दी थी, इसलिए उनके पास जेबीटी टेट पास सर्टिफिकेट नहीं था।
चार साल से लटकी है भर्ती
भर्ती एवं पदोन्नति नियमों की उधेड़बुन के कारण शिक्षा विभाग जेबीटी शिक्षकों की भर्ती नहीं कर पा रहा है। पहले जेबीटी और डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन) पात्र माने जाते थे। कुछ राज्यों ने बीएड डिग्रीधारकों को भी जेबीटी शिक्षक भर्ती के लिए पात्र माना। इसके बाद हिमाचल में भी बीएड डिग्रीधारकों ने विभाग के समक्ष इस मामले को उठाया। हाईकोर्ट में भी इसको लेकर चुनौती दी गई। कोर्ट ने बीएड डिग्रीधारकों को भी जेबीटी शिक्षक भर्ती में पात्र मानने के आदेश दिए थे। इसके बाद जेबीटी व बीएड टेट का मामला कोर्ट पहुंचा।