जागरण संवाददाता, बीबीएन : एलिमेंटरी प्रशिक्षित अध्यापक संघ ने शिक्षा
विभाग व सरकार पर तीखा हमला बोला है। बद्दी में आयोजित बैठक में संघ के
पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षा विभाग व सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा
जेबीटी अध्यापक भुगत रहे हैं।
एलिमेंटरी प्रशिक्षित अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष गुरदेव सिंह चंदेल ने कहा कि आज दो जेबीटी का दो वर्षीय शिक्षण प्राप्त कर चुके हजारों युवा दर-दर की ठोकरें खाने को विवश है।
जेबीटी अध्यापकों ने शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित शिक्षक पात्रता परीक्षा चार बार उत्तीर्ण की, लेकिन उसके बाद भी प्रदेश में जेबीटी अध्यापकों को अपने संवैधानिक हक से वंचित रहना पड़ा है। चंदेल ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए जेबीटी अध्यापकों द्वारा सरकार व शिक्षा विभाग से जेबीटी अध्यापकों की नियुक्ति टीजीटी, पीजीटी व सीएंडवी की तर्ज पर 50 प्रतिशत बैच के आधार पर करने की मांग कई बार सरकार के समक्ष उठाई गई, लेकिन प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग ने इस समस्या के समाधान के लिए जेबीटी भर्तियों संबंधित नियमों में कोई बदलाव नहीं किया, जिसके परिणाम स्वरूप डाईट संस्थानों में जेबीटी प्रशिक्षुओं की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। संघ ने मांग उठाई है कि सरकार समय रहते जेबीटी अध्यापकों की नियुक्तियों में संशोधन करके 50 प्रतिशत नियुक्तियों प्रशिक्षण के बैच के आधार पर करे ताकि प्रदेश में हजारों जेबीटी युवाओं को न्याय प्राप्त हो सके। संघ के जिलाध्यक्ष गुरवचन सिंह लांबा ने कहा कि आज जेबीटी अध्यापक दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो चुके है।
एलिमेंटरी प्रशिक्षित अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष गुरदेव सिंह चंदेल ने कहा कि आज दो जेबीटी का दो वर्षीय शिक्षण प्राप्त कर चुके हजारों युवा दर-दर की ठोकरें खाने को विवश है।
जेबीटी अध्यापकों ने शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित शिक्षक पात्रता परीक्षा चार बार उत्तीर्ण की, लेकिन उसके बाद भी प्रदेश में जेबीटी अध्यापकों को अपने संवैधानिक हक से वंचित रहना पड़ा है। चंदेल ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए जेबीटी अध्यापकों द्वारा सरकार व शिक्षा विभाग से जेबीटी अध्यापकों की नियुक्ति टीजीटी, पीजीटी व सीएंडवी की तर्ज पर 50 प्रतिशत बैच के आधार पर करने की मांग कई बार सरकार के समक्ष उठाई गई, लेकिन प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग ने इस समस्या के समाधान के लिए जेबीटी भर्तियों संबंधित नियमों में कोई बदलाव नहीं किया, जिसके परिणाम स्वरूप डाईट संस्थानों में जेबीटी प्रशिक्षुओं की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। संघ ने मांग उठाई है कि सरकार समय रहते जेबीटी अध्यापकों की नियुक्तियों में संशोधन करके 50 प्रतिशत नियुक्तियों प्रशिक्षण के बैच के आधार पर करे ताकि प्रदेश में हजारों जेबीटी युवाओं को न्याय प्राप्त हो सके। संघ के जिलाध्यक्ष गुरवचन सिंह लांबा ने कहा कि आज जेबीटी अध्यापक दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो चुके है।