शिमला. पूर्वमें कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सरकारी स्कूलों में पीटीए आधार पर शिक्षकों की नियुक्तियां की गई थी। 7500 के करीब शिक्षकों को स्कूलों में तैनात कर दिया गया था। सरकार बदलने के बाद भर्तियों के इन मामलों पर जांच बैठाई गई।
इस मामले में करीब एक हजार पीटीए शिक्षकों की नौकरी भी चली गई थी। कांग्रेस सरकार ने दोबारा सत्ता में आने पर पीटीए शिक्षकों को बहाल किया था। इन शिक्षकों को अनुबंध पर लाकर नियमित करने की नीति भी तैयार की गई।
हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद सैकड़ाें शिक्षकों को अनुबंध पर ला भी दिया गया है। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा जिसके बाद इस पूरी प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया गया।
राज्यसरकार प्रदेश के पीटीए शिक्षकों का वेतन अनुबंध के बराबर करने की तैयारी में है। इन शिक्षकों की ग्रांट इन एड अनुबंध के बराबर की जाएगी। यानि ये शिक्षक रहेंगे पीटीए आधार पर, लेकिन इन्हें मानदेय अनुबंध के बराबर मिलेगा।
पांच मई को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के लिए इसका एजेंडा तैयार किया जा रहा है। बीते रोज इसको लेकर राज्य सचिवालय में अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक भी हुई थी।
इस मसले पर विभाग ने विधि विभाग की भी राय ली है। इसके बाद सरकार शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी करने की तैयारी है। यदि कैबिनेट इस पर मुहर लगाती है तो प्रदेश में पीटीए आधार पर तैनात 1500 के करीब शिक्षकों को बड़ी राहत मिल सकती है।
पीटीए शिक्षक सरकार से कंडीशनल कांट्रेक्ट की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने उन्हें कंडीशनल कांट्रेक्ट पर लाने से साफ इंकार कर दिया है। विधि विभाग से ली गई राय के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है।
शिक्षा विभाग ने मामले को लेकर विधि विभाग से राय मांगी थी। विधि विभाग ने कहा है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सरकार सिर्फ शिक्षकों के वेतन बढ़ोतरी का फैसला ले सकती है।
पीटीए शिक्षकों को अभी तक ग्रांट इन एड 90 फीसदी मिलती है। यानि अनुबंध शिक्षकों के वेतन का नब्बे फीसदी वेतन इन्हें मिलता है। सरकार यदि अनुबंध के बराबर वेतन देने पर राजी होती है तो दोनों का वेतन बराबर हो जाएगा।
इस मामले में करीब एक हजार पीटीए शिक्षकों की नौकरी भी चली गई थी। कांग्रेस सरकार ने दोबारा सत्ता में आने पर पीटीए शिक्षकों को बहाल किया था। इन शिक्षकों को अनुबंध पर लाकर नियमित करने की नीति भी तैयार की गई।
हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद सैकड़ाें शिक्षकों को अनुबंध पर ला भी दिया गया है। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा जिसके बाद इस पूरी प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया गया।
राज्यसरकार प्रदेश के पीटीए शिक्षकों का वेतन अनुबंध के बराबर करने की तैयारी में है। इन शिक्षकों की ग्रांट इन एड अनुबंध के बराबर की जाएगी। यानि ये शिक्षक रहेंगे पीटीए आधार पर, लेकिन इन्हें मानदेय अनुबंध के बराबर मिलेगा।
पांच मई को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के लिए इसका एजेंडा तैयार किया जा रहा है। बीते रोज इसको लेकर राज्य सचिवालय में अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक भी हुई थी।
इस मसले पर विभाग ने विधि विभाग की भी राय ली है। इसके बाद सरकार शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी करने की तैयारी है। यदि कैबिनेट इस पर मुहर लगाती है तो प्रदेश में पीटीए आधार पर तैनात 1500 के करीब शिक्षकों को बड़ी राहत मिल सकती है।
पीटीए शिक्षक सरकार से कंडीशनल कांट्रेक्ट की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने उन्हें कंडीशनल कांट्रेक्ट पर लाने से साफ इंकार कर दिया है। विधि विभाग से ली गई राय के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है।
शिक्षा विभाग ने मामले को लेकर विधि विभाग से राय मांगी थी। विधि विभाग ने कहा है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सरकार सिर्फ शिक्षकों के वेतन बढ़ोतरी का फैसला ले सकती है।
पीटीए शिक्षकों को अभी तक ग्रांट इन एड 90 फीसदी मिलती है। यानि अनुबंध शिक्षकों के वेतन का नब्बे फीसदी वेतन इन्हें मिलता है। सरकार यदि अनुबंध के बराबर वेतन देने पर राजी होती है तो दोनों का वेतन बराबर हो जाएगा।