राज्य ब्यूरो, शिमला। राजकीय अध्यापक संघ प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग
के खिलाफ कोर्ट में दस्तक देगा। शिक्षा विभाग की ओर से धरने प्रदर्शन में
शामिल शिक्षकों का ब्यौरा मांगने का संघ ने कड़ा विरोध किया है। संघ का
कहना है कि यह गैर जरूरी कार्रवाई है जो अध्यापकों के मौलिक अधिकारों का
हनन है।
मामले पर संघ सरकार व विभाग के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। जो भी अधिकारी इस तरह के आदेश जारी कर अध्यापकों को डराने की कोशिश करेगा संघ उसका विरोध करेगा।
संघ ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी है कि जिला उप निदेशकों ने किस नियम व आदेश के तहत यह सूचना मांगी है। क्या यह सूचना पाठशाला प्रमुखों के अवकाश देने के और अध्यापकों के अवकाश लेने के अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं है? क्या प्रदेश में पहले हुए अध्यापकों के धरना प्रदर्शन व रैली या नेताओं के सम्मान में हुए सम्मेलनों में भारी संख्या में शामिल रहे अध्यापकों के संदर्भ में इस तरह की सूचना एकत्रित की थी या नहीं? संघ जल्द ही उप निदेशकों का घेराव भी करेगा। 12 जून को डीसी कार्यालय कुल्लू केबाहर होने वाले धरने में शिक्षक अपना गुस्सा निकालेंगे और बढ़ चढ़ कर इसमे हिस्सा लेंगे। संघ के अध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने कहा कि संघ इस तरह की विभागीय कार्रवाई को अध्यापकों का अपमान मानता है।
विभाग व सरकार स्पष्ट करे कि अध्यापक किस प्रकार के अवकाश पर रहकर धरना प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं या उनको विरोध व धरना प्रदर्शन करने का अधिकार नहीं है। खेद का विषय है कि उप निदेशकों द्वारा 27 मई धरना प्रदर्शन में शामिल रहे अध्यापकों के संदर्भ में अलग -अलग प्रपत्रों के माध्यम से पाठशाला प्रमुखों से गैरजरूरी सूचना मांगी जा रही है। हैरत है कि निदेशालय से इस तरह सूचना मांगने के कोई भी लिखित आदेश उपनिदेशकों को प्रेषित नहीं हुए हैं।
मामले पर संघ सरकार व विभाग के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। जो भी अधिकारी इस तरह के आदेश जारी कर अध्यापकों को डराने की कोशिश करेगा संघ उसका विरोध करेगा।
संघ ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी है कि जिला उप निदेशकों ने किस नियम व आदेश के तहत यह सूचना मांगी है। क्या यह सूचना पाठशाला प्रमुखों के अवकाश देने के और अध्यापकों के अवकाश लेने के अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं है? क्या प्रदेश में पहले हुए अध्यापकों के धरना प्रदर्शन व रैली या नेताओं के सम्मान में हुए सम्मेलनों में भारी संख्या में शामिल रहे अध्यापकों के संदर्भ में इस तरह की सूचना एकत्रित की थी या नहीं? संघ जल्द ही उप निदेशकों का घेराव भी करेगा। 12 जून को डीसी कार्यालय कुल्लू केबाहर होने वाले धरने में शिक्षक अपना गुस्सा निकालेंगे और बढ़ चढ़ कर इसमे हिस्सा लेंगे। संघ के अध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने कहा कि संघ इस तरह की विभागीय कार्रवाई को अध्यापकों का अपमान मानता है।
विभाग व सरकार स्पष्ट करे कि अध्यापक किस प्रकार के अवकाश पर रहकर धरना प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं या उनको विरोध व धरना प्रदर्शन करने का अधिकार नहीं है। खेद का विषय है कि उप निदेशकों द्वारा 27 मई धरना प्रदर्शन में शामिल रहे अध्यापकों के संदर्भ में अलग -अलग प्रपत्रों के माध्यम से पाठशाला प्रमुखों से गैरजरूरी सूचना मांगी जा रही है। हैरत है कि निदेशालय से इस तरह सूचना मांगने के कोई भी लिखित आदेश उपनिदेशकों को प्रेषित नहीं हुए हैं।