प्रदेश के शिक्षा मित्र एवं औपबंधिक सहायक अध्यापकों को हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर बिना टीईटी प्राथमिक स्कूलों में समायोजित करने की व्यवस्था का सरकार परीक्षण कराएगी। सदन में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इसका आश्वासन दिया। प्रदेश में शिक्षा मित्र और औपबंधिक सहायक अध्यापक पिछले 15 से 20 साल से दुर्गम और अति दुर्गम स्कूलों में छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं।
शिक्षा मित्रों को 2015 में न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के आधार पर औपबंधिक नियुक्तियां दी गईं। उत्तराखंड समायोजित प्राथमिक शिक्षक संघ औपबंधिक शिक्षकों से औपबंध हटाने एवं शिक्षा मित्र हिमाचल की तर्ज पर बिना टीईटी उन्हें प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजित करने की मांग कर रहे हैं।हिमाचल प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद बड़ी संख्या में बिना टीईटी इस तरह के शिक्षकों का समायोजन किया गया था। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि हिमाचल में जिस तरह से शिक्षा मित्रों को समायोजित किया गया उसी तर्ज पर उत्तराखंड मेें भी इसका परीक्षण कराया जाएगा।