शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Teachers News, सरकारी स्कूलों में कार्यरत 15 हजार भाषा अध्यापक व शास्त्री शिक्षक अब टीजीटी हिंदी व टीजीटी संस्कृत कहलाएंगे।
शिक्षा विभाग ने बीएड व टेट पास शास्त्री व भाषा अध्यापकों का पदनाम बदल कर टीजीटी कर दिया है। प्रधान सचिव शिक्षा देवेश कुमार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि सरकार ने पदनाम बदलने के बाद उनके वित्तीय लाभ में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। शिक्षक 25 साल से टीजीटी पदनाम की मांग कर रहे थे। कई बार यह मामला बैठकों में भी उठ चुका है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट भाषण में भी इसकी घोषणा की थी।अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रांत महामंत्री डा. मामराज पुंडीर ने भाषा अध्यापक और शास्त्री को टीजीटी हिंदी और टीजीटी संस्कृत का दर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर, प्रधान शिक्षा सचिव देवेश कुमार का आभार व्यक्त किया है। महासंघ के हिमाचल इकाई के प्रधान पवन कुमार, संगठन मंत्री विनोद सूद, तीर्थानंद ने सरकार का आभार व्यक्त किया है।
डा. मामराज पुंडीर ने कहा कि सरकार ने 15 हजार से अधिक शिक्षकों को लाभ पहुंचाया है। पिछले वर्ष आठ अगस्त को मुख्यमंत्री ने मंडी के कंसा चौक में टीजीटी बनाने की घोषणा की थी। बाद में शैक्षिक महासंघ के आग्रह को बजट में शामिल किया था। डा. पुंडीर ने कहा कि कर्मचारियों के हितैषी मुख्यमंत्री कौन हैं इसका उदाहरण सभी के सामने है।