राज्य ब्यूरो, शिमला : शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज शिक्षकों के
तबादलों को लेकर आ रहे फोन से काफी परेशान हैं। उनकी यह परेशानी मंगलवार को
राजकीय अध्यापक संघ के साथ सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान झलक गई। वह
बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने माना कि तीन महीने के दौरान उन्हें केवल शिक्षकों के तबादलों को लेकर ही सिफारिशें आई हैं। वह इसी में उलझे रहे और इसके अलावा कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। सुबह छह बजे से लेकर रात नौ बजे तक फोन की घंटी तबादलों की सिफारिशों के लिए ही बजती रहती है।
बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर भी शिक्षा मंत्री का दर्द दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि आज दिन तक शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने को लेकर न तो कोई चर्चा की गई और न किसी ने कोई सुझाव दिया है। तबादलों का इतना दबाव है कि आज दिन तक प्रारंभिक शिक्षा और उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक विभागीय समीक्षा तक नहीं कर पाए हैं। उन्होंने राजकीय अध्यापक संघ के पदाधिकारियों से कहा कि शिक्षक खुद को बाबुओं से अलग समझें। शिक्षक बच्चों का भविष्य संवारने का काम करते हैं।प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष स्थान बनाया है जिसे बनाए रखना शिक्षकों की जिम्मेदारी है। 30 जून तक पूरी होंगी शिक्षकों की मागें
राजकीय अध्यापक संघ ने 48 सूत्रीय मागपत्र शिक्षा मंत्री को सौंपा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की मागों के प्रति संवेदनशील है। उनकी अधिकतर मागों को पहले ही वित्त व विभाग स्तर पर उठाया गया है। शिक्षकों की विभाग से संबंधित मागों का 30 जून तक निपटारा कर दिया जाएगा। संघ के अध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने शिक्षा मंत्री का मागपत्र पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए आभार जताया। जल्द होगी शिक्षकों की जेसीसी की बैठक
शिक्षक संघ काफी समय से संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) की बैठक बुलाने की मांग कर रहे हैं। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की अलग से जेसीसी की बैठक जल्द आयोजित की जाएगी। प्रदेश सरकार राज्य में संस्कृत व अंग्रेजी भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। सरकार नैतिक शिक्षा को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही है।
उन्होंने माना कि तीन महीने के दौरान उन्हें केवल शिक्षकों के तबादलों को लेकर ही सिफारिशें आई हैं। वह इसी में उलझे रहे और इसके अलावा कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। सुबह छह बजे से लेकर रात नौ बजे तक फोन की घंटी तबादलों की सिफारिशों के लिए ही बजती रहती है।
बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर भी शिक्षा मंत्री का दर्द दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि आज दिन तक शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने को लेकर न तो कोई चर्चा की गई और न किसी ने कोई सुझाव दिया है। तबादलों का इतना दबाव है कि आज दिन तक प्रारंभिक शिक्षा और उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक विभागीय समीक्षा तक नहीं कर पाए हैं। उन्होंने राजकीय अध्यापक संघ के पदाधिकारियों से कहा कि शिक्षक खुद को बाबुओं से अलग समझें। शिक्षक बच्चों का भविष्य संवारने का काम करते हैं।प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष स्थान बनाया है जिसे बनाए रखना शिक्षकों की जिम्मेदारी है। 30 जून तक पूरी होंगी शिक्षकों की मागें
राजकीय अध्यापक संघ ने 48 सूत्रीय मागपत्र शिक्षा मंत्री को सौंपा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की मागों के प्रति संवेदनशील है। उनकी अधिकतर मागों को पहले ही वित्त व विभाग स्तर पर उठाया गया है। शिक्षकों की विभाग से संबंधित मागों का 30 जून तक निपटारा कर दिया जाएगा। संघ के अध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने शिक्षा मंत्री का मागपत्र पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए आभार जताया। जल्द होगी शिक्षकों की जेसीसी की बैठक
शिक्षक संघ काफी समय से संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) की बैठक बुलाने की मांग कर रहे हैं। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की अलग से जेसीसी की बैठक जल्द आयोजित की जाएगी। प्रदेश सरकार राज्य में संस्कृत व अंग्रेजी भाषा को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। सरकार नैतिक शिक्षा को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही है।